पर्यटक ले सकेंगे थारू जनजाति के व्यंजनों का स्वाद
वन विभाग करेगा कैंटीन में स्वादिष्ट खाने के अलावा थारू व्यंजनों की व्यवस्था
बहराइच : पर्यटकों को इस बार कतर्नियाघाट का दृश्य बदला-बदला नजर आएगा। पर्यटक इस बार कतर्निया भ्रमण के दौरान थारू जनजाति के व्यंजन का लुत्फ उठाएंगे। कैंटीन संचालन में ईको विकास समिति की सहभागिता होगी। इस मुहिम में थारू जनजाति की महिलाओं को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा।
देश के कोने-कोने से पर्यटकों का दल कतर्निया के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए आते हैं। पर्यटकों के बीच थारू संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से थारू जनजाति के पारंपरिक व्यंजन को परोसा जाएगा। कैंटीन में अन्य स्वादिष्ट खाने के अलावा इस प्रकार की व्यवस्था वन विभाग ने की है। इसके लिए थारू जनजाति की महिलाओं को विशेष रूप से सेवा ली जाएगी। इस बार कैंटीन संचालन में ईको विकास समिति के सदस्यों की सहभागिता होगी।
मोतीपुर व कैलाशपुरी वन बैरियर से लेना होगा टिकट
अब तक कतर्नियाघाट के मुख्य द्वार से टिकटिग की व्यवस्था होती थी। इस दौरान गाड़ियों का काफी लंबा जाम लगने से अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। इससे निपटने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि कतर्निया में इंट्री के लिए टिकटिग की व्यवस्था मोतीपुर वन बैरियर पर की गई है। लखीमपुर की ओर से आने वाले पर्यटकों के लिए यह सुविधा कैलाशपुरी वन बैरियर पर की गई है। इससे पर्यटकों को काफी राहत मिलेगी।
डीएफओ ने की प्रधानों व होम स्टे संचालकों के साथ बैठक
डीएफओ आकाशदीप बधावन ने ग्राम प्रधानों व होम स्टे संचालकों के साथ बैठक की, जिसमें पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस बार बिछिया वन बैरियर पर क्षेत्रीय लोगों की गाड़ी पर पास चस्पा किया जाएगा, जिससे वह बेरोक-टोक घूम सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिप्सी चालक, गाइड व वन कर्मियों को ट्रेनिग दी जाएगी।