टिटनेस वैक्सीन का अकाल, मरीज बेहाल, जिम्मेदार बेपरवाह
बहराइच: सावधान! अगर आपको चोट लगी है तो टिटनेस के शिकार हो सकते हैं,क्योंकि इस बीमार
बहराइच: सावधान! अगर आपको चोट लगी है तो टिटनेस के शिकार हो सकते हैं,क्योंकि इस बीमारी से बचाने के लिए जरूरी टीका न तो जिला अस्पताल में है न ही मेडिकल स्टोर पर ही उपलब्ध है। जिले में एक माह से कंपनियां सरकारी व निजी क्षेत्रों में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं कर रही है। इससे संकट पैदा हो गया है। मरीज वैक्सीन लगवाने के लिए भटक रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि टिटनेस का वैक्सीन जच्चा-बच्चा, गर्भवती, चोट व लोहा से कटने पर पीड़ित को लगाना अनिवार्य होता है, क्योंकि टिटनेस होने पर 90 फीसद पीड़ित की मौत होना निश्चित होता है। दस फीसद ही ऐसे लोग हैं,जो टिटनेस के शिकार होने पर बचते हैं। इतनी घातक बीमारी होने के बाद भी इसके टीके का संकट एक माह से जिले में है। सरकारी अस्पतालों में टीके की आपूर्ति से कंपनियां पहले ही हाथ खड़ा कर चुकी हैं। अब निजी दवा दुकानों को भी आपूर्ति नहीं कर रही हैं। यहां तक जिला पुरुष व महिला अस्पताल में भी टिटबैक नहीं है। ऐसी स्थिति में पीड़ित बीमारी से बचने को लेकर दौड़ रहा है। सेप्टीसीमिया का नहीं रहता खतरा लकड़ी, लोहा या अन्य धातु से चोट लगने, घिसाव या जख्म होने, महिलाओं को गर्भधारण के दौरान तीन ,सात-आठ माह व शिशुओं को चौथे माह पर टिटनेस से बचाव के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे सेप्टीसीमिया होने का खतरा खत्म हो जाता है। 24 घंटे के भीतर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य है। टिटबैक का शॉर्टेज है। आपूर्ति को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं।
डॉ. एके पांडेय
सीएमओ, बहराइच