नेपाल सीमा पर स्वाइन फ्लू को लेकर हाई अलर्ट
जिला अस्पताल में 10 बेड का बना वार्ड रैपिड रिस्पांस टीम करेगी निगरानी जासं, बहराइच : प्रद
बहराइच : प्रदेश में स्वाइन फ्लू से हुई एक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। इंफ्लूएंजा (एएच1एन1) के मामलों की निगरानी के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। टीम में सात सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें निदेशक चिकित्सा शिक्षा, निदेशक पशुपालन, निदेशक संचार रोग, महानिदेशक चिकित्सा उपचार, निदेशक सीएमएसडी और राज्य नोडल अधिकारी इंफ्लूएंजा (एएच1एन1) शामिल होंगे। जिलों में टास्क फोर्स का नेतृत्व डीएम द्वारा किया जाएगा। जिला अस्पताल में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 10 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। स्वाइन फ्लू के लक्षण इंफ्लूएंजा (एएच1एन1) को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में सामान्य बुखार, खांसी, सोर थ्रोट और सिर दर्द के रोगी होते हैं। ऐसे मरीजों को सलाह दी जाती है कि हर 24-48 घंटों में डॉक्टरों की सलाह जरूर लें। ऐसे रोगियों को अपने घरों में रुकने और अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। विशेष रूप से बच्चों और वृद्ध लोगों को जिन्हें संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता हैं। दूसरी श्रेणी में मरीज अगर उच्च ज्वर व गले में गंभीर खांसी से पीड़ित हैं तो ऐसे मरीज को खुद को लोगों से अलग रखना चाहिए। डॉक्टर की देखरेख में ओसेल्टटेमीविरुडर का उपभोग करना चाहिए। तीसरी श्रेणी में मरीज को सांस लेने में तकलीफ, छाती के दर्द से पीड़ित हो तो ऐसे मरीजों को पैथोलॉजी में जांच करानी चाहिए और जल्द से जल्द इला•ा करवाना चाहिए। संक्रमण से बचाव के उपाय - छींकने व खांसने के दौरान चेहरे को ढकना चाहिए ताकि दूसरों लोग संक्रमित न हो सकें।
- लोगों से बात करते समय कम से कम एक हाथ की दूरी बनाए रखें ताकि थूक आदि के कण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक न पहुंचे।
- लोगों से हाथ मिलाने के बाद व भोजन करने से पहले अच्छी तरह से साबुन से हाथ धोएं।
- घनी आबादी वाले स्थानों पर जाने से बचें।
- इंफ्लूएंजा (एएच1एन1) के प्रकोप की स्थिति में मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। इनसेट जिला हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू बीमारी के उपचार के लिए 10 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। उपचार के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध है। डॉ.ओपी पांडे, सीएमएस जिला अस्पताल बहराइच