गन्ने की फसल को चट कर रहा चोटी बेधक कीट
चिलवरिया चीनी मिल क्षेत्र के किसानों ने एक करोड़ रुपये कीमत की कोराजेन दवा का छिड़काव कर रोग पर पाया काबू
जागरण संवाददाता, बहराइच : जिले में हजारों एकड़ गन्ने की फसल पर चोटी बेधक कीट (टॉप बोरर) के प्रकोप की आशंका बढ़ गई है। इससे गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि चिलवरिया चीनी मिल ने समय रहते चोटी बेधक कीट के खतरे को भांप लिया और अपने क्षेत्र के किसानों को प्रेरित कर लगभग एक करोड़ रुपये कीमत की कोराजेन नामक दवा उपलब्ध कराई। इसके छिड़काव से गन्ने की फसल पर चोटी बेधक कीट के तीसरे व चौथे चरण के प्रकोप की आशंका नगण्य हो गई है।
जिले के लगभग 75 हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल के लगभग दस फीसदी हिस्से पर चोटी बेधक कीट का हमला हुआ है। अकेले चिलवरिया चीनी मिल के 14 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में 2073 हेक्टेयर फसल टॉप बोरर कीट की चपेट में आया था। चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना जीआइडी पांडेय ने बताया कि यह कीट पत्ती के सहारे पौधे में घुसता है और गन्ने की बढ़वार रुक जाती है। इसके प्रकोप का तीसरा एवं चौथा चरण जुलाई से अगस्त के बीच होता है। ऐसे में दस जुलाई तक कोराजेन नामक दवा का छिड़काव करा देने पर कीट पर काबू पाया जा सकता है।
उनके मुताबिक मिल प्रबंधन ने किसानों में जागरूकता पैदा कर उन्हें दवा के छिड़काव के लिए प्रेरित किया। फलस्वरूप एक करोड़ रुपये की दवा खरीद कर किसान ने छिड़काव किया। यही स्थिति जिले के अन्य क्षेत्रों की भी रही। प्रगतिशील गन्ना किसानों ने दवा खरीद कर प्रभावित फसल पर छिड़काव कर दिया है।
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दलदली इलाके के गन्ने में सड़न का खतरा
घाघरा व सरयू नदियों के तटवर्ती इलाकों में फंफूद जनित रोग लगने से गन्ना सड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इससे निपटने के लिए गन्ना वैज्ञानिकों ने किसानों को थायोफिनट मिथाइल की 500 ग्राम दवा को 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव की सलाह दी है।