वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाया तरक्की का पैमाना
एफटीओ से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत होने का सुझाया मंत्र
संसू, बहराइच : जिले के सभी कृषि विभाग के केंद्रों व न्यायपंचायत स्तरों पर वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम से जुड़े विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने नवीन तकनीकों के अलावा एफटीओ (फार्मर प्रोटेक्शन आर्गनाइजेशन) से जुड़कर खुद के उत्पादों को तैयार कर बाजारों में बिक्री से आर्थिक रूप से मजबूत होने का मंत्र भी सुझाया।
निर्धारित समय दोपहर 11 बजे से लाइव प्रसारण शुरू हुआ। जिले के 14 कृषि बीज भंडारों व एनआइसी में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। यहां कृषि अधिकारियों के अलावा किसान भी मौजूद रहे। कृषि वैज्ञानिकों ने तराई क्षेत्र में बासमती की खेती पर जोर देते हुए कहा कि धान के लिए मिट्टी बेहतर है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती पर विशेष जोर दें। इसके लिए सरकार किसानों को तमाम रियायतें भी दे रही है। इसका फायदा उठाकर किसान अपनी आर्थिक तरक्की को और मजबूत कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि 150 किसानों का एफपीओ बनाएं। इसमें किसानों को आर्थिक रूप से नाबार्ड मदद करेगा। किसान अपना उत्पाद तैयार बाजार में बिक्री कर सकेंगे। इसके बारे में विधिवत जानकारी दी गई।
वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार की कोशिशों पर वैज्ञानिकों ने नवीन तकनीक के साथ तरकीब का प्रयोग करने पर जोर दिया। कहा कि अब बहुफसली व सहफसली खेती महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उपज बढ़ाने व खेती को आसान बनाने के लिए कई तरह से आधुनिक उपकरण भी सरकार अनुदान पर उपलब्ध करा रही है। तीन घंटे चली परिचर्चा में वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए तो किसानों की समस्याओं का भी समाधान किया। डीएओ सतीश कुमार पांडेय ने बताया कि यह कार्यक्रम कृषि व किसान दोनों के लिए लाभदायक साबित होगा।