सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में ¨हदू संगठनों का धरना
जासं, बहराइच : केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा करने के विरोध में बुध
जासं, बहराइच : केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा करने के विरोध में बुधवार को विश्व ¨हदू परिषद समेत कई ¨हदू संगठन सड़क पर उतर आए। धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।
विश्व ¨हदू परिषद के जिलाध्यक्ष राजकुमार सोनी ने कहा कि सबरीमाला वंदनीय, पवित्र एवं प्राचीन मंदिर की स्थापना में निहित मूल सिद्धांत के अनुसार आयप्पा भक्त, जिन्होंने सामान्य प्रतिज्ञान का अवधारणा नहीं किया। साथ ही साथ वह महिला, जिन्होंने वयस्कता प्राप्त कर ली थी, मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश नहीं करती थी। आरएसएस के जिला प्रचारक राहुल ने कहा कि ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रतिष्ठित मंदिर में 10 से 55 वर्ष की महिलाओं को भी मंदिर में प्रवेश से प्रतिबंधित है। यह परंपरा 50 वर्षों से चली आ रही है। उच्च न्यायालय केरल ने सरकार को भी 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रतिबंध को लागू करने के लिए पुलिस समेत सभी तरह का सहयोग करने का निर्देश दिया था। विहिप के विभागाध्यक्ष राधारमन यज्ञसैनी ने कहा कि लोकतंत्र में सहमति को प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकार को कोई भी कदम उठाने से पहले विशेषता, उनके विश्वास, भावनाओं, संवेदनाओं से संबंधित प्रकरणों में जनता को विश्वास में लेना चाहिए। इस मौके पर श्यामता प्रसाद शुक्ला, कामेश गुप्ता, छंग्गा जायसवाल, मोहित चौरसिया, डॉ.देवेंद्र कुमार उपाध्याय, आलोक पाठक, विनोद ¨सह, मनोज जायसवाल, अर्जुन कुमार, कृष्णानंद शुक्ला समेत बड़ी संख्या में ¨हदू संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।