चीत्कारों से टूटा रात का सन्नाटा, सिर्फ निभाई गई शादी की रस्म
ताया कि 60 किसान चिह्नित किए गए हैं। इन पर 2500 से लेकर 15 हजार रुपये तक जुमाना वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि इधर किसान खेतों में गन्ना के अवशेष भी जला रहे हैं। यह कानून सिर्फ पराली पर ही नहीं बल्कि गन्ना अवशेष पर भी लागू हो रहा है। बढ़ते प्रदूषण व खेतों की घट रही उर्वराशक्ति को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग किसानों को पराली को खाद के रूप में प्रयोग करने के लिए कई तरह की मदद भी मुहैया भी करा रहा है बावजूद किसान सचेत नहीं हो रहे हैं।
प्रदीप तिवारी, बहराइच : हादसे की खबर लगने के बाद जो जैसा था, जिस हाल में था उसी हाल में घर से निकलकर जिला अस्पताल पहुंच गया। अपनों की खैर-खबर जानने के लिए अस्पताल में लगी भीड़ को चीरते हुए लोग इमरजेंसी में दाखिल होने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। इन्हीं लोगों के बीच सावित्री व माया भी थी, जो हादसे में सुहाग उजड़ जाने की खबर से बदहवास पहुंची थी। जिस बरात में जाने के लिए दोनों ने अपने-अपने पति को खुशी-खुशी भेजा था, उनके शव को देखकर दहाड़े मारकर लिपटी तो हर आंखें नम हो गईं। हादसे में शादी की खुशियां भी गम में तब्दील हो गईं। सिर्फ रस्म निभाई गईं। उलटे पांव जनवासे से बरात लौट आई।
दो सगे भाइयों की मौत से छाया मातम
शहर के मुहल्ला नाजिरपुरा निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र राम शंकर की शादी थी। नाचते, गाते सभी लोगों ने रोली चंदन लगाकर बरातियों को रवाना किया। जिस इनोवा में नाजिरपुरा के धमेंद्र, वीरेंद्र पुत्रगण पन्नालाल बैठे थे। जनवासा पहुंचने से आठ किलो मीटर पहले ही सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ंत हो गई। हादसे में दोनों भाइयों की भी मौत हो गई। मौत की खबर पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। देखते-देखते जिला अस्पताल परिसर चीत्कारों से गूंज उठा। एंबुलेंस के बजते सायरन को सुनकर लोग दौड़ पड़ते थे। गुरुवार को मृतकों के घर पर लोगों की भीड़ लगी रही। मातम पसरा था। मौत को सामने से देखा इनोवा में चाकूजोत के संजय व उनका पांच वर्षीय बेटा अक्षत भी उनकी गोद में बैठा था। पेट्रोल टंकी से डीजल लेकर वाहन की रफ्तार बढ़ी ही थी कि ट्रक से टक्कर हो गया। गोद में लिए बेटे की जिदगी बचाने के लिए वे दर्द को भूल गए।
अमंगल बनकर आई बुधवार की रात
हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के लिए बुधवार की रात काली रात साबित हुई। सात फेरे लेने की खुशी लिए मंडप में पहुंचे सुरेंद्र की भी आंखे नम रही। मच्र्युरी में एक किनारे बैठे सुरेंद्र अपने भाग्य कोस रहे थे और लोग उन्हें समझाते रहे।
कोशिश नहीं आई काम
घायल निरंकार को लखनऊ रेफर कर दिया गया। परिवारजन की राह देखने के बजाय पत्नी किरन खुद एंबुलेंस पर घायल पति को लेकर लखनऊ रवाना हुई, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। आधा फासला तय करते ही उसका भी सुहाग उजड़ गया।
तो टायर फटने से बेकाबू हुआ ट्रक
हादसे की वजह सामने से आ रहे ट्रक का अगला टायर फट जाना रहा। टायर फटने के बाद ट्रक दाहिने तरफ भागा, तभी गुजर रही इनोवा से टक्कर हो गई।