रिफ्लेक्टर से आगाह करेंगे बेसहारा मवेशी
बहराइच : अब सड़कों पर ठौर लेने वाले बेसहारा मवेशी हादसे का सबब नहीं बनेंगे। दूर से ह
बहराइच : अब सड़कों पर ठौर लेने वाले बेसहारा मवेशी हादसे का सबब नहीं बनेंगे। दूर से ही इनके सड़क पर होने का सिग्नल वाहन चालकों को मिल जाएगा। इसके लिए मवेशियों के गले में रिफ्लेक्टर बैंड बांधा जाएगा। बैंड पर प्रकाश पड़ते ही चालक को मवेशी के होने का आभास हो जाएगा। इससे समय रहते वाहन की गति पर नियंत्रण पाकर हादसे से बचा जा सकेगा। हाईवे पर ताबड़तोड़ मवेशियों के टकराने से हो रहे हादसों को रोकने के लिए यह अनूठी पहल सेफ लाइफ आर्गनाइजेशन की ओर से की जाएगी।
जिले में बेसहारा पशु सिर्फ किसानों के लिए ही मुसीबत नहीं हैं, बल्कि हाईवे पर हादसों की बड़ी वजह बन गए हैं। आए दिन वाहन मवेशियों से टकराकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। इसमें लोगों की ही जान नहीं जा रही, मवेशी भी काल की गाल में समा रहे हैं। पशुपालन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में 10000 बेसहारा पशु हैं, जिनका ठिकाना हाईवे या फिर सड़कें हैं। सेफ लाइफ आर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में हाईवे पर सर्वाधिक हादसे मवेशियों के सामने आ जाने या फिर टकराने से हुए हैं। इन हादसों को रोकने के लिए मवेशियों के गले में विशेष रिफ्लेक्टर युक्त बैंड बांधा जाएगा। हाईवे पर मवेशी के होने का आगाह यह रिफ्लेक्टर प्रकाश पड़ते ही चालक को करेगा। शुरूआती दौर में 500 मवेशियों के गले में यह रिफ्लेक्टर बांधा जाएगा। ये हाईवे हुए ¨चहित
इसके लिए बहराइच-गोंडा, बहराइच- लखनऊ, बहराइच- लखीमपुर व बहराइच-सीतापुर हाईवे पर ठिकाना बनाए बेसहारा मवेशियों को ¨चहित किया गया है। इसके लिए जल्द अभियान शुरू किया जाएगा। 30 मीटर होगा रेंज
बेसहारा पशुओं के गले में बंधने वाले रिफ्लेक्टर बैंड का रेंज 30 मीटर होगा। इतनी दूरी पर ही हाईवे पर जानवर के होने का आभास सामने आ रहे चालक को हो जाएगा। मवेशियों के गले में बैंड बांधने के लिए प्रशिक्षित ग्रामीणों को सहारा लिया जाएगा। इस बैंड को आसानी से निकालना या फिर नुकसान पहुंचाना आसान नहीं होगा। केस नंबर एक: रिसिया थाना क्षेत्र के बंगलाचक गांव के पास सांड से बाइक टकरा गई। जिसके बाद सांड ने हमला कर दिया। इसमें तीन लोग घायल हो गए थे। केस नंबर दो: नवाबगंज-नानपारा मार्ग के सिद्धूगांव के पास मवेशी से टकराकर बाइक पलट गई थी। इसमें स्कूल से लौट रही महिला शिक्षामित्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। केस नंबर तीन: बहराइच-नानपारा हाईवे के सोहरवा के पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पति के साथ घर लौटते समय बाइक मवेशी से टकरा गई थी। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। ठंड व कोहरे के बीच हाईवे पर मवेशियों के टकराने से हादसों को रोकने के लिए यह पहल शुरू की जा रही है। जिससे हादसे रुके व जानमाल की सुरक्षा के साथ मवेशियों की भी सुरक्षा हो सके।
बीरेंद्र ¨सह, एआरटीओ, प्रशासन,बहराइच