1800 फर्जी किसान डकार गए सम्मान निधि की रकम
भूमिहीन होते हुए फर्जी खसरा-खतौनी व आधारकार्ड बना हथियार
प्रदीप तिवारी, बहराइच : प्रधानमंत्री की ड्रीम किसान सम्मान निधि योजना में भी जिले में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। फर्जी खसरा-खतौनी लगाकर 1800 लोगों ने निधि की रकम डकार ली है। केंद्र की ओर से कराए गए सत्यापन में फर्जी खतौनी से रकम हड़पने का खुलासा हुआ है। इस खुलासे ने शासन व प्रशासन की नींद उड़ा दी है।
केंद्र सरकार ने 24 फरवरी 2019 को छोटी जोत के किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। योजना के तहत साल में तीन किस्तों में किसानों को छह हजार रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से आर्थिक मदद दी जा रही है। जिले में योजना के तहत चार लाख 40 हजार किसान चयनित किए गए थे। इन किसानों के खातों में केंद्र सरकार की ओर से चार बार रकम भेजी जा चुकी है। अब जब किसानों के खसरा-खतौनी, आधार कार्ड व बैंक खाते का सत्यापन कराया गया तो फर्जीवाड़ा सामने आया। जिले में अब तक 1800 ऐसे किसान पाए गए हैं जो भूमिहीन होते हुए भी योजना का लाभ ले चुके हैं। अब इन किसानों का डाटा तैयार कर पोर्टल से डिलीट करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है।
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लेखपालों के खेल ने योजना का किया बंटाधार
- जिन 1800 किसानों को योजना का लाभ मिला है, उन्होंने लेखपालों की मदद से फर्जी खसरा-खतौनी तैयार की। यही नहीं खसरा-खतौनी के आधार पर फर्जी आधारकार्ड भी बनवाए गए।
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जमा करेंगे रकम, नहीं तो दर्ज होगा मुकदमा
- जांच में फर्जी पाए गए किसानों के खातों में जमा रकम को बैंक वापस आहरित करेगा, लेकिन जिन किसानों की ओर से खाते से रकम निकाल ली गई है उन किसानों को लेखपाल के माध्यम से नोटिस जारी की जाएगी। जमा न करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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सत्यापन कराकर किसानों का डाटा डिलीट कराया जा रहा है। ऐसे लोगों को नोटिस व बैंक के माध्यम से आहरित धन की रिकवरी की जाएगी।
डॉ.आरके सिंह, उपनिदेशक कृषि