अब हादसों पर अंकुश लगाएगा प्लान फोर 'ई'
-शहर में सिग्नल व सड़कों पर संकेतक करेंगे सतर्क
प्रदीप तिवारी, बहराइच : सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में शहरों तक सिमटे यातायात व्यवस्था का दायरा पंचायत स्तर तक पहुंचेगा। शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर हरी, लाल व पीली बत्तियां होंगी। गांव को जोड़ने वाले मुख्य चौक-चौराहों पर पुलिस यातायात नियमों की सीख देती दिखेगी। हाईवे के हादसों वाले स्थानों पर संकेतक चालकों को सतर्क करते दिखेंगे तो हादसों में घायलों को त्वरित चिकित्सकीय सेवाओं के लिए एंबुलेंस व चिकित्सकों की मदद मिलेगी। यह सब प्लान फोर 'ई' से संभव होगा। यह परिवहन व पुलिस दोनों के लिए हादसों को रोकने में हथियार साबित होगा।
सड़कों पर हो रहे हादसों पर सौ फीसद ब्रेक लगा पाना चुनौती, लेकिन इसे काफी हद तक कम करना मुश्किल भी नही है। तकनीक, तरकीब व जागरूकता से ही असंभव कार्य को संभव करने की तैयारी परिवहन व पुलिस महकमा कर रहा है। प्लान फोर 'ई' इसी का स्वरूप है। पहले ई से एजुकेशन मतलब यातायात नियमों को लेकर छात्र-छात्राओं को जागरूक करना। दूसरा इंजीनियरिग यानी हादसों वाले जगहों के चौड़ीकरण, संकेतक व डिवाइडर की व्यवस्था।, तीसरा इंफोर्समेंट यानी शीट बेल्ट, हेलमेट व ओवरलोड वाहनों व बिना लाइसेंस वाहनों के संचालन पर जुर्माने की कार्रवाई करना, जबकि चौथा ई का इमरजेंसी यानी सड़क हादसों में घायल लोगों को त्वरित चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराना है। रोड सेफ्टी का मसौदा तैयार कर शासन को भेजा गया है। मंजूरी के बाद मसौदे को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो जाएगा।
--------------------
हादसों को रोकने के लिए चार विभागों का समन्वय
ताबड़तोड हो रहे हादसों को रोकने के लिए चार विभाग समन्वय से काम करेंगे। शिक्षा विभाग के हर स्कूल में नोडल शिक्षक होंगे, जो हर रोज असेंबली में छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की सीख देंगे। पुलिस विभाग छोटे वाहनों पर नजर रखेगी, जबकि परिवहन विभाग लाइसेंस, वाहनों के फिटनेंस समेत विभिन्न जिम्मेदारियों को निर्वहन करेगा। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग घायलों को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएगा। हादसों में घायल लोगों की रिपोर्ट भी तैयार करेगा।
---------------
बोले जिम्मेदार
शहर के अंदर व सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए रोड सेफ्टी प्लान तैयार हुआ है। इसमें चार विभागों का समन्वय रहेगा। जागरूकता, तकनीक, कार्रवाई व संसाधनों के प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
बीरेंद्र कुमार सिंह, एआरटीओ, प्रशासन