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बहराइच में 20 लोगों से भरी नाव सरयू नदी में पलटी, 17 बचाए गए- एक की मौत Bahraich News

बहराइच के मिहींपुरवा तहसील के लौकाही गांव का मामला है। यहां नाव में बैठे लगभग 20 किसान धान रोपने जा रहे थे। डूबे 17 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। दो की तलाश जारी है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 11:32 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 06:28 PM (IST)
बहराइच में 20 लोगों से भरी नाव सरयू नदी में पलटी, 17 बचाए गए- एक की मौत Bahraich News
बहराइच में 20 लोगों से भरी नाव सरयू नदी में पलटी, 17 बचाए गए- एक की मौत Bahraich News

बहराइच, जेएनएन। जिले स्थित मिहींपुरवा तहसील के लौकाही गांव में रविवार सुबह आठ बजे एक नाव सरयू नदी में डूब गई। नाव में धान की रोपाई करने जा रहे 20 किसान सवार थे। बताया जा रहा है कि नाव में खाद की बोरिया रखी हुई थी। नाव मुख्यधारा में पहुंची, तो खाद की बोरियां सरकने लगी। इन बोरियों को बचाने के लिए कुछ किसान एक तरफ झुक गए। इससे नाव का संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गई। नाव पलटते ही बचाव के लिए चीख पुकार मच गई। मुहाने पर खड़े अन्य ग्रामीण बचाने के लिए नदी में कूद गए। घटना में 17 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

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सूचना मिलते ही आननफानन में मौके पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। एसपी ने बताया कि नाव में कुल 20 लोग सवार थे, इसमें 17 को जिंदा बचा लिया गया है। लौकाही निवासी जैबुल (60) पुत्र ननकऊ की डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों की मदद से लापता ननकऊ (65) व विशाल (6) की तलाश की जा रही है। 

ये थे नाव में सवार 
लौकाही गांव के किसान शमसुद्दीन (22) पुत्र हसन नाविक की नाव में सवार हुए। राजू (55) पुत्र बाबर, हददवा (30) पुत्र छोटकउ, नरेश (38) पुत्र सालिकराम, किरन (37) पत्नी नरेश, उषा (10) पुत्री नरेश, विकास (4) पुत्र नरेश, जाफर (45) पुत्र ननकऊ, गबडू (42) पुत्र राजा, सलीम (30) पुत्र इमाम अली, फैजान (12) पुत्र कलीम, मोहम्मद सैफ (12) पुत्र नन्हें, ननकऊ (38) पुत्र हकीक, लीलावती (45) पत्नी दुलारे, हसीब पुत्र सोहराब, राजेंद्र पुत्र सालिकराम, ननकऊ (65) पुत्र बाबू, विशाल (6) पुत्र राम नरेश, जैनुल (60) पत्नी ननकऊ समेत अन्य सवार थे। 

बारिश से बढ़ने लगा जलस्तर, 50 गांवों पर खतरा
बारिश के चलते महसी तहसील क्षेत्र के घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही 50 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कटान भी तेज हो गई है। 50 बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई। कटान को लेकर बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग चिंतित हैं। प्रशासनिक अधिकारी तटवर्ती गांवों में पहुंचकर संभावित बाढ़ से निपटने के लिए लोगों को आगाह कर रहे हैं। घाघरा नदी का जलस्तर 110.180 मीटर रिकॉर्ड किया गया। 12 घंटे में आठ सेमी जलस्तर में वृद्धि हुई है। हांलाकि, खतरे के निशान से नदी अभी एक मीटर 97 सेमी नीचे बह रही है। 

दिन भर होती रही बारिश
बीते दिन शनिवार को तराई का मौसम करवटें बदलता रहा है। तेज धूप, कभी आसमान में काले बादल तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। आठ मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अधिकतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हांंलाकि, आद्र्रता बढ़ने से उमस ने लोगों को परेशान किया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है। मौसम के साथ बिजली की भी आंख-मिचौली जारी रही। बारिश के बीच वाहनों से लोग फर्राटा भरते दिखे। दिन का तापमान 34 डिग्री व रात का 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि तराई में मानसून का दबाव बना हुआ है।

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