¨पजड़े में कैद हुई आदमखोर मादा तेंदुआ
बहराइच : कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज में दहशत का पर्याय बने तेंदुए को वन विभा
बहराइच : कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज में दहशत का पर्याय बने तेंदुए को वन विभाग ने ¨पजड़े में कैद कर लिया है। ¨पजड़े में कैद हुई मादा तेंदुआ को गेरुआ नदी के उस पार जंगल में छोड़ा गया। तेंदुए के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। ग्राम दौलतपुर के मजरा साईंपुरवा में तेंदुए के ¨पजड़े में कैद की गई।
कतर्नियाघाट जंगल से सटे गांवों में तेंदुए ने आतंक मचा रखा था। तेंदुआ तकरीबन एक दर्जन मवेशियों को निवाला बना चुका था। तेंदुए की दहशत के चलते शाम ढलते ही ग्रामीण बच्चों को घरों में कैद कर देते थे। यही नहीं शौच के लिए जाते समय भी ग्रामीण झुंड में निकलते थे। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने कई बार अलग-अलग स्थानों पर ¨पजड़ा भी लगाया, लेकिन तेंदुआ वन कर्मियों को गच्चा देकर निकल जाता था। मोतीपुर वन रेंज के ग्राम दौलतपुर के साईपुरवा समेत कई स्थानों पर ¨पजड़ा लगाया गया। सोमवार को जमींदार के मुर्गी फार्म के समीप पिंजड़ा लगाया गया। ¨पजरे में मुर्गी बांधी गई थी। रात में तेंदुआ ¨पजड़े में कैद हो गया।
डीएफओ कतर्नियाघाट जीपी ¨सह ने बताया कि ¨पजड़े में तेंदुआ के कैद होने की सूचना पाकर तत्काल डिप्टी रेंजर शत्रोहन लाल, वन दारोगा आनंद गांधी, शिव कुमार शर्मा ,वन रक्षक पैकरमा दीन व स्पेशल टाइगर प्रोडेक्शन फोर्स के जवान सत्येंद्र कुमार, गुरुदीप ¨सह, धर्मपाल निराला , बृजेश कुमार, दयानंद कुशवाहा, गो¨वदधर दुबे को मौके पर भेजा गया। तेंदुए को सुरक्षित वन रेंज कार्यालय मोतीपुर पर लाया गया। तेंदुए का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया है। ¨पजड़े में कैद तेंदुआ मादा है। उसकी उम्र लगभग डेढ़ साल है। तेंदुए को सुरक्षित कतर्निया रेंज के गेरुआ नदी के उस पार जंगलों में छोड़ा गया है।