अब फोटोयुक्त पर्ची से ही बंदियों से होगी मुलाकात
संसू बहराइच अब जिला कारागार की सलाखों में गुनाहों की सजा काट रहे बंदियों से मुलाकात के लिए फोटोयुक्त पर्ची ही मान्य होगी। पर्ची पर मुलाकाती की फोटो के साथ उनका पूरा ब्योरा दर्ज होगा।
बहराइच : अब जिला कारागार की सलाखों में गुनाहों की सजा काट रहे बंदियों से मुलाकात के लिए फोटोयुक्त पर्ची ही मान्य होगी। पर्ची पर मुलाकाती की फोटो के साथ उनका पूरा ब्योरा दर्ज होगा। पर्ची जमा करने के आधे घंटे बाद परिवारजनों को बंदियों से मुलाकात का मौका मिलेगा। बंदियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम व अपरिचितों पर नजर रखने के लिए जेल महकमे ने यह बदलाव किया है, ताकि बंदियों से मिलने वाले हर लोगों का ब्योरा उपलब्ध रहे।
जेल में निरुद्ध हैं कई खूंखार बंदी : भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच जिला कारागार में कई जिलों व नेपाल के कई खूंखार कैदी निरुद्ध हैं। जिला कारागार की क्षमता 500 कैदियों की है, लेकिन लगभग 1100 कैदी निरुद्ध हैं। इनकी सुरक्षा और मुलाकात जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है। साथ ही प्रदेश के कई जेलों में बंदियों की मौत व उपजे विवाद को देखते हुए मुलाकात के नियमों में बदलाव किया गया है। मुलाकात करने वालों को अपनी आईडी व बंदी से रिश्तों के बारे में पूरा ब्योरा देना होगा।
घर बैठे भी कर सकते हैं आवेदन :
डिप्टी जेलर शरेंदु त्रिपाठी बताते हैं कि जेल में निरुद्ध बंदी से मुलाकात के लिए जिला कारागार के बाहर मुलाकाती कक्ष बनाया गया है, जहां बंदी के परिवारजन आईडी लाकर पर्ची बनवा सकते हैं, लेकिन वे लोग जो कंप्यूटर या फिर मोबाइल चला रहे हैं वे घर बैठे भी मुलाकाती पर्ची के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन करते ही मुलाकाती का पंजीयन जिला कारागार के कंट्रोल रूम में हो जाएगा।
ऐसे करें आवेदन : डिप्टी जेल अखिलेश कुमार ने बताया कि ई-प्रिजंस डॉट एनआइसी डॉट इन पर क्लिक करें। फिर न्यू विजिट रजिस्ट्रेशन विडो पर जाएं। यहां दो प्रारूप खुलेंगे। पहले प्रारूप में मुलाकाती का विवरण व दूसरे में मुलाकात करने वाले का विवरण अंकित करें। इसके बाद सबमिट पर क्लिक करें। यह करते ही मोबाइल पर आवेदन नंबर मिल जाएगा। दोबारा न्यू विजिट रजिस्ट्रेशन के विजिट स्टेटस बटन पर क्लिक करें। उसमें रजिस्ट्रेशन नंबर डालें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर जिला कारागार काउंटर पर अपने पहचान पत्र के साथ उपस्थित हों। यहां मौजूद मुलाकात प्रभारी बंदियों से मुलाकात कराएंगे।
इनसेट
बंदियों का डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है। अब घर बैठे परिवारजन बंदियों से मिलने का आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
एएन त्रिपाठी, जेल अधीक्षक