बाढ़ पीड़ितों की खेती को 'निकरा' का तोहफा
बौंडी (बहराइच): राष्ट्रीय जलवायु समुत्थानशील कृषि पर आधारित राष्ट्रीय पहल परियोजना 'निकरा
बौंडी (बहराइच): राष्ट्रीय जलवायु समुत्थानशील कृषि पर आधारित राष्ट्रीय पहल परियोजना 'निकरा' के तहत कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के सहयोग से बाढ़ प्रभावित गांव बौंडी के किसान अब उन्नतशील खेती कर सकेंगे। बाढ़ के दौरान नष्ट हुई धान, मक्का, मेंथा, उड़द व अन्य फसलों की भरपाई भी कर सकेंगे। केंद्र द्वारा बौंडी गांव में लगातार कृषि गोष्ठी का आयोजन भी हो रहा है। किसानों को नि:शुल्क बीज व कृषि उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को जलवायु के अनुरूप खेती करने, जैविक खादों का प्रयोग करने, बोआई के लिए अच्छे बीज का चुनाव, जीरो लागत पर खेती करने सहित अन्य जानकारियां दी जा रही हैं। परियोजना के तहत शुक्रवार को बौंडी के 103 किसानों को तोरिया(लाही) व बरशीम का बीज वितरित किया गया, जबकि 400 किसानों को मटर, मसूर, सरसों, प्याज व गेंहू का बीज मुहैया कराने को कहा गया है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रोहित पांडेय ने बताया कि हर छमाही घाघरा के भीषण बाढ़ में गांव के किसानों की एक छमाही की धान, मक्का, मेंथा, उड़द समेत अन्य फसलें तबाह हो जाती हैं। इन किसानों को बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए 'निकरा' परियोजना लागू की गई है। परियोजना प्रमुख एसके वर्मा ने बताया कि निकरा परियोजना बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बौंडी में बीते छह वर्षों से संचालित है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. वीपी ¨सह ने बताया कि किसानों को रासायनिक उर्वरकों का कम से कम उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। किसानों को जैविक खादों का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र ¨सह ने बताया कि किसानों को नि:शुल्क कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को मशरूम की खेती व मधुमक्खी पालन भी करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस मौके पर दिनेश तिवारी, कौशल गुप्ता, बाबादीन त्रिवेदी, श्याम पांडेय, रामकुमार शुक्ला समेत अन्य किसान मौजूद रहे।