मुंसिफ कोर्ट स्थापना को लेकर लामबंद हुए अधिवक्ता
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बहराइच : कैसरगंज तहसील में मुंसिफ न्यायालय स्थापना की मांग को लेकर एक बार फिर अधिवक्ता लामबंद हो गए हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि 20 वर्षों से मुंसिफ कोर्ट स्थापना की मांग की जा रही है। इसके बाद भी कोर्ट स्थापित नहीं किया जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी इस मामले में शिथिल दिख रहे हैं। न्यायालय न होने से वादकारियों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। उनका धन और समय बर्बाद हो रहा है। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि मुंसिफ न्यायालय की स्थापना नहीं होती है तो अधिवक्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय प्रताप ¨सह कहते हैं कि जिला मुख्यालय पर कैसरगंज के नाम से मुंसिफ कोर्ट स्थापित है। उसे यहां स्थानांतरित होना चाहिए। तहसील अधिवक्ता संघ अध्यक्ष गंगाधर मिश्र ने बताया कि न्यायालय स्थापित होने से वादकारियों का धन और समय दोनों का बचत होगा। केदारनाथ गुप्ता का कहना है कि लंबे समय से मांग की जा रही है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नारायण शर्मा बताते हैं कि मुंसिफ न्यायालय की स्थापना हो जाए तो 15 हजार मुकदमों का बोझ कम हो जाएगा। सैय्यद जाफर मेहंदी का कहना है कि मुंसिफ न्यायालय की स्थापना होने तक संघर्ष जारी रहेगा। विनोद कुमार ¨सह चौहान, वेद प्रकाश ¨सह, राधेश्याम यादव, राजकिशोर यादव, सत्य शरण ¨सह का कहना है मुंसिफ न्यायालय से यहां के लोगों को न्याय पाने के लिए जिला मुख्यालय की दूरी तय करनी पड़ती है। यदि यहां कोर्ट स्थापित हो जाए तो वादकारियों को आसानी से न्याय सुलभ हो जाएगा।