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आर्थिक स्थिति से जूझ रहे प्रवासी मजदूर

- जॉबकार्ड न होने से मनरेगा में नहीं मिल पा रहा काम

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:27 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:33 AM (IST)
आर्थिक स्थिति से जूझ रहे प्रवासी मजदूर
आर्थिक स्थिति से जूझ रहे प्रवासी मजदूर

बहराइच : ग्राम घासीपुर निवासी जमील मुंबई में मजदूरी कर परिवार पाल रहे थे। लॉकडाउन में किसी तरह घर आ गए, लेकिन अब इनके सामने जीविकोपार्जन की चुनौती खड़ी हो गई है। इनके दो लड़कों समेत पांच बच्चे हैं। इसमें से चार दिव्यांग हैं। बड़े पुत्र असीन की शादी हो गई है। वह परिवार से अलग रह रहा है। दिव्यांग पुत्र व पत्नी के साथ फूस के घर में रह रहे जमील का कहना है कि उसे अब तक किसी प्रकार सरकारी इमदाद नहीं मिली है। ग्राम प्रधान ने राशन कार्ड बनवाया था, जिससे राशन मिल जाता है, लेकिन जॉबकार्ड न होने के कारण मनरेगा में मजदूरी नहीं मिल पा रही है।

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इस तरह की समस्या केवल जमील की ही नहीं, वरन इसी गांव के कई और प्रवासी मजदूरों की है। असीन भी बाहर से आया है। मजदूरी न मिलने से परेशान है। इसी गांव के रन्नू खां भी 15 दिन पूर्व मुंबई से आए हैं। रन्नू कहते हैं कि मजदूरी न मिलने से त्योहार सही से नहीं हो पाया है। ------- क्या कहते हैं जिम्मेदार -ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बच्छन खां कहते हैं कि जिनका जॉबकार्ड नहीं बना है, उनका जल्द बनवाया जाएगा।


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