1857 के गदर का गवाह रहा रेहुआ
रजनीश त्रिवेदी, बौंडी (बहराइच) : ऐतिहासिक, पौराणिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के ²ष्टिकोण
रजनीश त्रिवेदी, बौंडी (बहराइच) : ऐतिहासिक, पौराणिक और सामाजिक पृष्ठभूमि के ²ष्टिकोण जिले के रेहुआ गांव का विशेष महत्व है। 1857 के गदर का यह गांव गवाह रहा है। रेहुआ नरेश राजा रघुनाथ ¨सह व उनके वंशजों ने आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। आज भी रेहुआ गांव में स्थित प्राचीन किला जंग-ए-आजादी की निशानी है। सागरनाथ मंदिर व सरोवर आस्था का केंद्र है।
इन पर है नाज
रेहुआ नरेश राजा रघुनाथ ¨सह व उनके वंशजों ने आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। सेवानिवृत्त शिक्षक मगन ¨सह, व समाजसेवी रमेश प्रताप ¨सह सदैव क्षेत्र विकास के लिए तत्पर रहते हैं।
यह है खूबी
गांव में स्थित प्राचीन सागरनाथ मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। 14 वर्षों से मंदिर में निरंतर रामनाम का जाप हो रहा है। मंदिर परिसर में सैकड़ों वर्ष पुराने वट वृक्ष लगा है। सागर नाथ सरोवर भी आस्था का केंद्र है। मुंडन, तेलपूजन से लेकर अन्य मांगलिक संस्कार सरोवर के तट पर होते हैं।
आधारभूत ढांचा
15 मजरों वाली राजा रेहुआ ग्राम पंचायत की कुल आबादी 6000 है। इसमें 3400 मतदाता है। पूरी ग्राम पंचायत में तीन प्राथमिक विद्यालय व एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। स्वच्छ पेयजल के लिए पानी टंकी का निर्माण हो रहा है। हफ्ते में दो बार साप्ताहिक बाजार लगती है। इसकी है जरूरत
गांव में किसी बैंक की शाखा नहीं
विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने के लिए ग्राम सचिवालय नहीं
गांव में एक भी अस्पताल नहीं है
सागरनाथ सरोवर के जीर्णोद्धार की आवश्यकता
उच्च शिक्षा के लिए विद्यालय की आवश्यकता ग्राम पंचायत का सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है। प्रत्येक पात्र व्यक्तियों को आवास दिए जा रहे हैं। पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। शौचालय बनवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
अनिरुद्ध ¨सह, ग्राम प्रधान रेहुआ
सागर नाथ सरोवर जलकुंभी से पटा पड़ा है। इसका सौंदर्यीकरण कराकर पर्यटन केंद्र बनाया जा सकता है।
शिवराम त्रिपाठी, पुजारी