एमडी की रिपोर्ट बढ़ाएगी एफसीआइ अफसरों की मुश्किलें
बहराइच : राजकीय भंडार निगम में अनाज घोटाले में एसडब्ल्यूसी के सभी अधिकारियों व कर्मचारिय
बहराइच : राजकीय भंडार निगम में अनाज घोटाले में एसडब्ल्यूसी के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, जबकि भंडार से लेकर निकासी तक का कार्य भारतीय खाद्य निगम के आदेश पर होता है। ऐसे में अब जांच के दायरे में एफसीआई के अधिकारी भी आ गए हैं। इसकी पुष्टि एसडब्ल्यूसी के एमडी आलोक कुमार ¨सह की रिपोर्ट भी करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना एफसीआई के अधिकारियों की मिलीभगत से गोदाम से अनाज का गोलमाल करना संभव नहीं है। एमडी की रिपोर्ट व जांच की सिफारिश से एफसीआई के अधिकारियों में खलबली मच गई है।
बसंतापुर स्थित राजकीय भंडार निगम में घोटाले की आंच एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) तक पहुंच चुकी है। उच्चस्तरीय कमेटी की जांच में एसडब्ल्यूसी (राज्य भंडारण निगम) के अधिकारियों के साथ भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। गेहूं व चावल के भंडारण व निकासी की जिम्मेदारी जितनी एसडब्ल्यूसी का है उतना ही एफसीआई का भी, लिहाजा गोदाम से सैकड़ों ¨क्वटल चावल व गेहूं का गोलमाल अकेले एसडब्ल्यूसी के अधिकारी नहीं कर सकते हैं। यहीं नहीं घोटाले के खुलासे पर एफसीआई के प्रबंधक की ओर से न तो अपने न ही एसडब्ल्यूसी के प्रबंधक को ही रिपोर्ट दी है। एसडब्ल्यूसी के प्रबंधक आलोक ¨सह ने पीजी गोदाम के सभी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई के साथ ही एफसीआई के एमडी को अपने स्तर से जांच कराने की सिफारिश की है, जिससे अनाज के काले कारोबार से जुड़े अधिकारियों को बेनकाब कर कार्रवाई की जा सके। एमडी के इस कदम से एफसीआई के अधिकारियों के माथे पर ¨चता की लकीरें गहराने लगी हैं। घोटालेबाजों से होगी भरपाई बहराइच : एमडी का कहना है कि अनाज घोटाले में,जो भी अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे, उन पर कार्रवाई तो होगी ही गोलमाल किए गए अनाज की भरपाई भी कराई जाएगी। जांच के दौरान जिनके कार्यकाल में जितना गबन आएगा, उस हिसाब से सभी से वसूली की जाएगी।