अब छह लेन बनेगा लखनऊ से नेपाल को जोड़ने वाला हाईवे
नेपाल में चीन की दखलंदाजी को देख केंद्र सरकार ने किया फैसला एनएचआइ कराएगी निर्माण केंद्र ने दी संशोधित डीपीआर को मंजूरी
प्रदीप तिवारी, बहराइच : राजधानी से नेपाल को सीधे जोड़ने वाला टू-लेन हाईवे छह लेन बनाया जाएगा। नेपाल में चीन की बढ़ती दखलंदाजी व व्यापारिक-सामरिक सक्रियता के साथ देश की सुरक्षा को देखते हुए कदम उठाया जा रहा है। अचानक केंद्र सरकार ने छह लेन हाईवे निर्माण का फैसला किया है। पहले फोरलेन सड़क निर्माण को मंजूरी मिली थी, लेकिन अब संशोधित डीपीआर को मंजूरी भी मिल गई है।
जरवल से रुपईडीहा नेपाल बार्डर की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है। यह मार्ग टू-लेन है। अब नेपाल चीन की मदद से सीमा के समानांतर सड़क निर्माण कर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने टू-लेन हाईवे को छह लेन बनाने का फैसला किया है। एनएचआइ की ओर से हाईवे निर्माण के संशोधित मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके दायरे में 150 ग्राम पंचायतें दायरे में आएंगी। इन ग्राम पंचायतों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। अधिग्रहण का बजट मंजूर होने के बाद हाईवे चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। हाईवे का निर्माण एनएचआइ ही कराएगी।
सड़क निर्माण पर लगभग तीन अरब रुपये का बजट प्रस्तावित है। हाईवे चौड़ीकरण के पीछे सरकार की मंशा है कि चीन से चल रही तनातनी व नेपाल का चीन के तरफ झुकाव से बदले हालात से निपटने के लिए आवश्यक मदद हाईवे के रास्ते सीमा तक आसानी से पहुंचाई जा सके।
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सर्किल दर से 150 गांव के लोगों को मिलेगा मुआवजा
-हाईवे चौड़ीकरण के लिए 150 ग्राम पंचायतों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। जमीन का मालिकाना हक रखने वाले ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर तय दर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासन स्तर पर मुआवजे के लिए जरूरी बजट का प्रस्ताव तैयार किया गया है, ताकि अधिग्रहण के साथ ही मुआवजे की रकम तत्काल भुगतान किया जा सके। जरवल से रुपईडीहा नेपाल बार्डर तक मार्ग सिक्स लेन बनाई जाएगी। केंद्र सरकार ने इस बाबत प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि नए वर्ष में यह सपना साकार होगा।
-अनिल कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट