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नानपारा में कान्हा गोशाला निर्माण में लाखों का गोलमाल

बहराइच: नानपारा नगर पालिका की ओर से बेसहारा पशुओं के लिए बनाए जा रहे कान्हा गोशाल

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 11:23 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 11:23 PM (IST)
नानपारा में कान्हा गोशाला निर्माण में लाखों का गोलमाल
नानपारा में कान्हा गोशाला निर्माण में लाखों का गोलमाल

बहराइच: नानपारा नगर पालिका की ओर से बेसहारा पशुओं के लिए बनाए जा रहे कान्हा गोशाला निर्माण में बड़े पैमाने पर गोलमाल किया गया है। मानकों को दरकिनार कर गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है। आवंटित बजट का 75 फीसदी रकम खर्च होने के बाद भी न तो कैटिल शेड न ही बीमार पशुओं के लिए अलग से केविन बनाया गया है। शुरूआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

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प्रदेश सरकार ने शहर में मुसीबत का पर्याय बने बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2016 में कान्हा गौशाला योजना जिले में 337.42 करोड़ की लागत से नानपारा व रिसिया नगर पालिका क्षेत्र में गोशाला निर्माण की स्वीकृति दी थी। नानपारा नगर पालिका के लिए 168.71 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस बजट से 50 बेसहारा मवेशियों के रहने के लिए कैटिल शेड, बीमार मवेशियों के लिए अलग से केविन, कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, पशुओं का चारा रखने समेत कई कक्षों का निर्माण होना था। एक करोड़ रुपये खर्च हो गए कई महत्वपूर्ण कार्य कराए ही नहीं गए हैं। जांच में इस खुलासे ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। प्रस्ताव कहीं का, निर्माण दूसरी जगह

डीपीआर में गौशाला निर्माण के लिए दर्शायी गई भूमि पर न कराकर जलकल विभाग के परिसर में कराया गया है। यानी स्वीकृत के बाद मनमाने तरीके से ईओ व जेई ने कार्यदायी संस्था से गठजोड़ कर सरकारी धन हड़पने के लिए यह कारनामा किया।

25 मवेशी भी नहीं रह सकते

50 मवेशियों के क्षमता वाले गोशाला का निर्माण कराया जाना था, लेकिन वर्तमान में तैयार गोशाला में 25 मवेशी भी नहीं रखे जा सकते हैं। नक्शे से हटकर निर्माण भी कराया गया है। अनियमितता को देख निर्माण ठप

नपाप अध्यक्ष मुईद खान ने बताया कि गोशाला का निर्माण उनके कार्यकाल में नहीं शुरू कराया गया है। गोशाला मानक के अनुसार नहीं है। छोटी सी जगह में बनाया गया है। अनियमितता को देखते हुए जांच हो रही है। इसी लिए निर्माण रोक दिया गया है। खाते में 75 लाख रुपये अभी डंप हैं। गोशाला निर्माण में अनियमितता बरती गई है। डीपीआर के अनुसार निर्माण नहीं कराया गया है। बमुश्किल 20 से 25 जानवर ही रखे जा सकते हैं।

डॉ. बलवंत ¨सह, सीवीओ,बहराइच


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