साढ़े तीन लाख आबादी को बेहतर चिकित्सा सेवाओं का इंतजार
सीएचसी का दर्जा होने के बावजूद एक भी विशेषज्ञ की तैनाती नहीं एक्स-रे जैसी सुविधाओं का संकट
बहराइच : करीब पांच वर्ष पूर्व लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए फखरपुर पीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील किया गया, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी व संसाधन का अभाव होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
फखरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ब्लॉक की 86 ग्राम पंचायतों की तीन लाख 53 हजार आबादी के इलाज का दारोमदार है। यहां 350 से लेकर 450 तक ओपीडी रोज होती है। स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, जर्नल सर्जन, एक्स-रे टेक्निशियन की कमी है, जिसके कारण लोग जिला मुख्यालय जाने को मजबूर हैं।
एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण महिलाओं को इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड्डी, स्त्री, बाल रोग विशेषज्ञ व सर्जन न होने के कारण गंभीर मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता है। सीएचसी में समुचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण झोलाछाप चिकित्सक से इलाज कराने को लोग विवश हैं।
प्रतिदिन सात से 10 प्रसव
फखरपुर सीएचसी में प्रतिदिन सात से 10 प्रसव कराए जाते हैं। इसके अलावा सात सब सेंटरों पर भी प्रसव की सुविधा उपलब्ध है। यहां कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल माह से 25 मई तक 3984 जांच की गई। सीएचसी पर कोविड वैक्सीन के ढाई सौ टीके लगाए जा चुके हैं।
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अस्पताल में तैनात चिकित्सक
पद नाम आवश्यकता तैनाती
चिकित्सक 10 10
एएनएम 34 34
स्टाफ नर्स 05 04
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पीएचसी पर तैनात चिकित्सक
भिलोराबासू - 02
बौंडी - 01
बिसवां - 01
सराय अली - 01
समदा - 00
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अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी है। सामान्य दिनों में ओपीडी चलने पर यहां पर इलाज कराने के लिए 140-150 मरीज आते हैं। एक्स-रे मशीन, स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है।
-डॉ. प्रत्यूष सिंह, अधीक्षक