कर्बला में निकला 18 बनी हाशिम के ताबूत का जुलूस
अजादारों ने जियारत कर मांगी दुआएं किया मातम चित्र परिचय - 30 बीआरएच 12 20 व 21 में फोटो है। संसू बहराइच शहीदाने कर्बला की याद में अंजुमन कासमिया रजिस्टर्ड के तत्वावधान में 1
संसू, बहराइच : शहीदाने कर्बला की याद में अंजुमन कासमिया रजिस्टर्ड के तत्वावधान में 18 बनी हाशिम अलैहिस्सलाम के ताबूत का जुलूस स्थानीय कर्बला में निकाला गया। ताबूत की जियारत कर अजादारों ने मन्नतें व दुआएं मांगी। नोहा पढ़कर मातम किया।
जुलूस निकलने से पूर्व मजलिस का आयोजन हुआ, जिसकी शुरूआत जीशान हैदर रिजवी, शादाब ने सोज पढ़कर किया। फौक बहराइची, हैदर हल्लौरी ने सलाम पढ़ा। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद जीशान हैदर मुजफ्फरपुर बिहार ने कहा कि जैनब स.अ. ने दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी यजीद के दरबार में फर्शे अजा बिछाई थी। जहां-जहां जैनब का कायदा पढ़ाया जाता है, वहां आतंकवादी नहीं पैदा होते हैं। हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत और एकता को बाकी रखने के लिए अपने घर की कुर्बानी पेश कर दी थी। मजलिस के समापन पर 18 बनी हाशिम अलैहिस्सलाम के ताबूत का जुलूस निकला, जो कर्बला में ही गश्त करने के बाद समाप्त हो गया। इस मौके पर महमूद हसन जाफरी, कल्बे अब्बास, अली अब्बास मेंहदी, जिया रिजवी, नदीम रिजवी, मुहम्मद मुर्तजा रिजवी, शाहिद हुसैन आदि मौजूद रहे। दूसरी ओर दरगाह शरीफ क्षेत्र में स्थित अजाखाना मुजफ्फर मिर्जा में आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद मुहम्मद मशरिकैन रिजवी ने कहा कि कर्बला हमें एकता का पैगाम देती है। हजरत इमाम हुसैन के पैगाम और उनके तरीके पर चलकर एक कामयाब जिदगी गुजार सकते हैं।
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दरगाह शरीफ से निकला 28वीं के ताजिए का जुलूस कौमी एकता का प्रतीक दरगाह हजरत सैय्यद सालार मसऊद गाजी रहमतुल्लाह अलैह से 28वीं के ताजिए का जुलूस परंपरागत तरीके से निकाला गया। जुलूस निकलने से पूर्व दरगाह क्षेत्र में एक दर्जन स्थान पर रखी गई ताजिए को लेकर जिम्मेदारान दरगाह पहुंचे। इसके बाद एक बड़ा जुलूस निकला, जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ आस्ताना हजरत सैय्यद सैफउद्दीन 'सुर्खरू सालार' रहमतुल्लाह अलैह में पहुंचकर समाप्त हो गया। जुलूस में आगे-आगे अलम लेकर अकीदतमंद या हुसैन कहते हुए चल रहे थे। जरवल : नगर पंचायत जरवल में भी 28वीं का जुलूस निकाला गया। अंजुमन फनाफिल हुसैन, सावेज काजमी, मोनिस, आमिल जरवली, सबी अब्बास, मौलाना ताहिर जरवली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।