550 क्षमता वाले जेल में बंद हैं 1400 बंदी
अधिक उम्र के बंदी कारागार पर बन रहे बोझ जागरण अभियान - रिहाई की आस जासं, बहराइच
बहराइच : जिला कारागार बहराइच बंदियों के बोझ से कराह रहा है। 550 क्षमता वाले कारागार में तकरीबन 1400 बंदी निरुद्ध हैं। इन बंदियों में सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदी शामिल है। हर साल शासन के निर्देश पर रिहाई की आस बंदियों में जगती है, लेकिन उनकी आस पूरी नहीं होती है। कारागार में निरुद्ध बंदियों की संख्या के एक प्रतिशत भी बंदियों की रिहाई नहीं हो पा रही है। उम्रदराज बंदियों व सजा पूरी होने के बाद जुर्माने की रस्म अदायगी में निरुद्ध बंदियों को यदि रिहाई मिल सके तो जेल का बोझ हल्का हो जाए।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बहराइच कारागार में जिले के अलावा श्रास्वती, नेपाल व अन्य जिलों के भी बंदी निरुद्ध हैं। प्रतिदिन इन बंदियों को पेशी के लिए न्यायालय ले जाया जाता है। साथ ही गैर जिलों में भी पेशी के लिए बंदियों को कारागार प्रशासन द्वारा भेजा जाता है। कारागार में निरुद्ध बंदियों में श्रावस्ती जिले के लगभग 200 से अधिक बंदी व नेपाल राष्ट्र के तकरीबन 50 बंदी भी शामिल हैं। 550 बंदियों की क्षमता वाले जिला कारागार में श्रावस्ती व बहराइच जिले के 1400 बंदी निरुद्ध हैं। इनमें तकरीबन 150 बंदी सजायाफ्ता हैं। इनमें सात महिलाएं भी शामिल है। शासन के निर्देश पर सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों के साथ बुजुर्ग बंदियों की सूची शासन द्वारा मांगी गई। कारागार में कई ऐसे बंदी भी निरुद्ध हैं, जो अपनी सजा पूरी करने के बावजूद अर्थदंड न दे पाने के चलते अतिरिक्त सजा काट रहे हैं। शासन के निर्देश पर कई बार बुजुर्ग बंदियों का चिकित्सीय परीक्षण कराकर सूची भेजी गई है। तकरीबन दो दर्जन से अधिक ऐसे बंदी हैं जो अपनी आधी सजा काट चुके हैं। कारागार में आधी सजा पूरी कर चुके कई ऐसे उम्रदराज बंदी भी है जो अब चलने फिरने में असमर्थ होने के साथ जेल प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं। जेल में निरुद्ध 1400 बंदियों में से एक प्रतिशत भी बंदियों की रिहाई के लिए कारागार प्रशासन द्वारा शासन को पत्राचार नहीं किया जाता है। इस साल पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के जिला डांग के ग्राम घोराई निवासी शांता बीका पत्नी राम बहादुर बीका के ऊपर लगाई गई एक लाख की जुर्माना राशि व श्रावस्ती जिले के गिलौला थाना क्षेत्र के रामपुर पैड़ा निवासी राजकुमार पांडेय उर्फ सनेश पुत्र शेषराज पांडेय उर्फ सेनापति का 22 सौ रूपया समाज सेवियों ने जमा कर दोनों को आजादी दिलाई। प्रभारी जेल अधीक्षक बोले बहराइच : प्रभारी जेल अधीक्षक वीके शुक्ला ने बताया कि बंदियों को रिहा करने का निर्णय शासन द्वारा लिया जाता है। मुख्यालय द्वारा जब जिस हिसाब से सूची मांगी जाती जाती है उस हिसाब से सूची भेजी जाती है। इस वर्ष छह बंदियों के रिहाई की सूची शासन को भेजी गई थी, लेकिन सिर्फ दो की रिहाई के आदेश मिले थे। जुर्माना अदा करने के बाद इन बंदियों को रिहा कर दिया गया है।