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पांच साल में दो उपचुनाव से मुकाबिल हुआ बलहा

भाजपा का गढ़ चार में तीन बार मिली सफलता लगातार चार चुनावों में बदल गया क्षेत्र का नुमाइंदा

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 10:15 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 10:15 PM (IST)
पांच साल में दो उपचुनाव से मुकाबिल हुआ बलहा
पांच साल में दो उपचुनाव से मुकाबिल हुआ बलहा

बहराइच : परिसीमन के बाद 2008 में गठित बलहा सुरक्षित ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जो पिछले पांच साल में दो उपचुनाव से मुकाबिल हो चुका है। यही नहीं, हर बार यहां के मतदाताओं ने नए चेहरे को मौका दिया है।

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2008 के परिसीमन में नानपारा विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से को काटकर बना यह विधानसभा क्षेत्र जिस कदर दुर्गम है, उसी तरह वहां के मतदाताओं का मिजाज भी। कल-कल बहती सरयू, गेरुआ व कौड़ियाला व कतर्निया जंगल के बीच आबाद इस क्षेत्र में 2012 से लेकर अब तक विधानसभा के चार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें तीन बार भगवा परचम लहराया। यही कारण है कि इस सीट पर भाजपा को चुनौती देने में मुख्य विपक्षी दलों के लिए हमेशा मुश्किल आई। आम चुनाव 2012 में भाजपा की सावित्रीबाई फुले ने बसपा की किरण भारती को शिकस्त देकर नुमाइंदगी का अवसर प्राप्त किया। वह 2014 के आम चुनाव में सांसद चुन ली गईं। इसके बाद 2015 में उप चुनाव हुआ। प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने वंशीधर बौद्ध को मैदान में उतारा। उन्होंने भाजपा के अक्षयवरलाल गोंड को शिकस्त दी। प्रदेश सरकार में उन्हें मंत्री बनने का अवसर मिला, लेकिन मंत्री के रूप में उनका कार्य यहां की जनता को रास नहीं आया और 2017 में आम चुनाव हुआ तो जनता ने नकार कर तीसरे स्थान पर ढकेल दिया। भाजपा के अक्षयवरलाल गोंड विधायक चुन लिए गए। 2019 में गोंड के सांसद निर्वाचित होने पर फिर उप चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा की सरोज सोनकर विजयी रहीं।

भाजपा व सपा में कई दावेदार

भाजपा से सरोज सोनकर के अलावा सांसद पुत्र डा. आनंद गोंड व मंजू बाल्मीकि भी टिकट की दावेदार बताई जा रही हैं। समाजवादी पार्टी में पूर्व मंत्री वंशीधर बौद्ध, उप चुनाव में उम्मीदवार रही किरण भारती, बसपा से चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक रमेश गौतम प्रमुख दावेदार हैं। हाल ही में पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की है और उन्हें भी टिकट का अहम दावेदार माना जा रहा है।

आम चुनाव में जा बना सांसद

यह भी एक संयोग है कि यहां से जो भी आम चुनाव में विधायक चुना गया, बाद में जीत कर सांसद बन गया। 2012 में जीती सावित्री बाई फुले 2014 में भाजपा से सांसद बनी, जबकि 2017 में निर्वाचित विधायक अछैवरलाल गोंड भी 2019 में लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे।

2019 उपचुनाव का परिणाम

उम्मीदवार दल मिले मत

सरोज सोनकर भाजपा 89,641

किरन भारती सपा 43,154

रमेश चंद्र बसपा 31,640

2017 आम चुनाव का परिणाम

उम्मीदवार दल मिले मत

अछैवरलाल गोंड भाजपा 1,04,135

किरन भारती बसपा 57,519

वंशीधर बौद्ध सपा 29,349

2015 उपचुनाव का परिणाम

उम्मीदवार दल मिले मत

बंशीधर बौद्ध सपा 99,220

अछैवरलाल गोंड भाजपा 74,039

2012 आम चुनाव का परिणाम

उम्मीदवार दल मिले मत

सावित्राबाई फुले भाजपा 58,823

किरन भारती बसपा 38, 895

शब्बीर बाल्मीकि सपा 35,073

पूनम किशोर कांग्रेस 20,974


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