पराली जलाई तो दर्ज होगा मुकदमा, भरना होगा जुर्माना
-खेतों की सेटेलाइट से हो रही निगरानी राजस्व कर्मी जुटा रहे ब्योरा - जिले के सभी तहसीलों में प्रधानों के संग हुई बैठक सुझाया गया तरीका
जागरण टीम, बहराइच : एनजीटी के सख्त रवैए व पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए खेतों में पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई का मसौदा तैयार किया गया है। बुधवार को सभी तहसीलों में एसडीएम की अध्यक्षता में प्रधानों की बैठक हुई। इसमें किए गए प्रावधान व जुर्माने के बारे में उन्हें बताया किया। साथ ही कृषि अधिकारियों ने पराली को खाद के रूप में प्रयोग करने का तरीका भी सुझाया।
मिहींपुरवा : तहसील सभागार में एसडीएम जीपी त्रिपाठी की अध्यक्षता में प्रधानों की बैठक में जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पांडेय ने कहा कि खेत में पराली जलाना कानूनी अपराध है। कहा कि पराली को खाद के रूप में प्रयोग करें। जोताई के बाद खेत में पानी लगाएं और पांच किलोग्राम प्रति बीघे की दर से यूरिया का छिड़काव करें।
महसी : एडीएम एसएन त्रिपाठी ने कहा कि खेतों में पराली जलाने पर बढ़ते प्रदूषण को सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने रोक लगा रखी है। तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि सीधे सेटलाइट से निगहबानी की जा रही है। सेटेलाइट के जरिए संबंधित क्षेत्र में पराली जलाए जाने को लेकर सीधे देखा जा सकता है। नायब तहसीलदार विपुल बीडीओ एसपी सिंह, एडीओ एजी वेदप्रकाश सिंह, एसओ हरदी आरपी यादव मौजूद रहे। इसके अलावा कैसरगंज, पयागपुर, नानपारा, सदर बहराइच तहसील में भी एसडीएम की अध्यक्षता में प्रधानों की बैठक की गई। --------------- ये भुगतना होगा जुर्माना -पराली जलाने के मामले में दो एकड़ तक के किसानों को 2500, दो से पांच एकड़ तक 5000 व इससे अधिक क्षेत्रफल के किसानों को 15000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।