तराई में मूसलधार बारिश,फसलों को मिली संजीवनी
50 मिमी रिकार्ड हुई बारिश शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की पैदा हुई स्थिति चित्र परिचय 1
संसू, बहराइच : आसमान में दो दिन से उमड़-घुमड़ रहे बादल बुधवार को दोपहर बाद जमकर बरसे। दो घंटे के मूसलाधार बारिश से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। सूखने की कगार पर पहुंच गई खरीफ फसलों को बचाने के लिए आसमान निहार रहे किसानों ने राहत की सांस ली है। गन्ना व धान की फसलों को बारिश के पानी से संजीवनी मिली है। मौसम वैज्ञानिक अगले 24 घंटे तक तराई में झमाझम बारिश होने की संभावना जता रहे हैं।
तराई में भोर से आसमान में बादल छा गए। पुरवा हवाओं ने गति पकड़ी। देखते ही देखते रिमझिम बारिश शुरू हो गई। 12 बजे तक ऐसा ही मौसम बरकरार रहा। दोपहर बाद मौसम ने करवट बदला। गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई। जो जहां रहा बस वहीं ठहर गया। बारिश से सर्वाधिक फायदा गन्ना व धान की फसलों को हुआ है। पानी न होने से किसान निजी संसाधनों से सिचाई को विवश हो गए थे। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा पूर्वी विक्षोभ तराई में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। तराई के मैदानी क्षेत्रों में दबाव बनने से जमकर बारिश हुई है। यह बारिश सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि 50 मिमी बारिश होने से किसानों को आर्थिक फायदा भी हुआ है। पीक समय में मुख्य फसलों को पानी मिल जाने से पैदावार अच्छी होगी।
महसी : सुबह से हो रही बारिश से किसान गदगद हैं। औराही के किसान बेचेलाल सिंह, रामप्रसाद, अवधराम ने बताया कि धान के खेत सूख रहे थे। बारिश से खेत पानी से लबालब भर गए हैं। विशेश्वरगंज, पयागपुर, फखरपुर, कैसरगंज, हुजूरपुर, नानपारा, रुपईडीहा, जरवलरोड समेत सभी क्षेत्रों में सितंबर माह की सबसे अच्छी बारिश रिकार्ड की गई है। घरों में घुटनों तक भर गया पानी
मिहीपुरवा : कतर्नियाघाट वन्यजीव बिहार से सटे गांवों में सुबह से हो रही तेज बारिश से घरों के अंदर घुटनों तक पानी भर गया है। सुजौली, मिहीपुरवा, गायघाट, भज्जापुरवा व सीमावर्ती अन्य गांवों के अलावा शहर में भी बारिश के पानी ने लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।