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तराई के 300 गांव बनेंगे गोकुल गांव

देशी नस्ल की गायों के संरक्षण व दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू हुई पहल प्रदीप तिवारी

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:14 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 11:14 PM (IST)
तराई के 300 गांव बनेंगे गोकुल गांव
तराई के 300 गांव बनेंगे गोकुल गांव

देशी नस्ल की गायों के संरक्षण व दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू हुई पहल

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प्रदीप तिवारी, बहराइच : तराई के 300 गांव गोकुल गांव बनेंगे। ये गांव गो संरक्षण की पहचान बनेंगे ही, देशी नस्ल की गायों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जाएगा। वैज्ञानिक देशी गायों के संरक्षण से लेकर दूध बढ़ाने तक की विभिन्न वैज्ञानिक विधियां बताएंगे। गायों के दूध को बाजार देने व पशुपालकों को उचित मूल्य मुहैया कराने के लिए दुग्ध समितियों की मदद ली जाएगी, ताकि गायों के पालने के प्रति पशुपालकों का रुझान बढ़े और बेसहारा गांवों का संरक्षण भी हो सके।

पलेंगी साहीवाल, गंगातीरे गाय जिले में चयनित 300 गांवों में पहले से ही गो पालन का लेकर पशुपालकों का रुझान रहा है। इन गांवों में देशी नस्ल की साहीवाल व गंगातीरे गाय के पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। ये गाय दुधारू होने के साथ ही सीधी होती हैं। इन गांवों में पशुधन अधिकारी, पैरावेट तैनात किए जाएंगे। वैज्ञानिक देशी नस्ल के गायों के पालन व दूध बढ़ाने के तौर तरीके पशुपालकों को सुझाएंगे। इन गांवों की गाय बछिया ही देंगी जन्म देशी नस्ल की गायों के संरक्षण को लेकर शुरू हुई गोकुल गांव योजना में चयनित गांवों की गाय सिर्फ बछिया ही जन्म देंगी। उच्च गुणवत्ता के कृत्रिम सीमन का गर्भाधान में प्रयोग किया जाएगा। पैरावेट सीमन डालने से लेकर बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण की जिम्मेदारी उठाएंगे। 20 हजार लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य गोकुल गांव में 20 हजार लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उत्पादित दूध को बेचने के लिए दुग्ध समितियों से करार किया जाएगा। इस दूध से विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए भी मसौदा तैयार हो रहा है। जिससे पशुपालकों को बेहतर आमदनी हो सके। बछिया की जन्म पर पैरावेट को मिलेगा प्रोत्साहन गोकुल गांव की गायों की सेहत की निगरानी पैरावेट करेंगे। एक पैरावेट चार गांव की जिम्मेदारी निभाएंगे। हर गर्भाधान पर 50 व बछिया के जन्म पर उन्हें 100 रुपये प्रोत्साहन मिलेगा। बनेगा हॉट, लगेगी गो बाजार सीवीओ डॉ. बलवंत सिंह ने बताया कि यह केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना है। एक हॉट बनाया जाएगा, जहां दूध व उससे बने उत्पादों, जैविक व गोबर खाद की भी बिक्री की जाएगी। बायोगैस तैयार करने की भी योजना है।


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