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घाघरा लाल निशान से चार सेंटीमीटर नीचे, मिली राहत

106.036 मीटर एल्गिन ब्रिज पर बह रहीं घाघरा 288871 क्यूसेक पानी छोड़ा गया घाघरा नदी में

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 10:22 PM (IST)
घाघरा लाल निशान से चार सेंटीमीटर नीचे, मिली राहत
घाघरा लाल निशान से चार सेंटीमीटर नीचे, मिली राहत

बहराइच : सोमवार को शाम चार बजे तीनों बैराजों से दो लाख 88 हजार 871 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पानी छोड़े जाने की रफ्तार कम होने से जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घट रहा है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.036 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से चार सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं।

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सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शारदा बैराज से एक लाख 60 हजार 996, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 23 हजार 73 व सरयू बैराज से 4802 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बाढ़ से सवा लाख हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद हो गई हैं। पानी कम होने के बाद घरों व सड़कों पर कीचड़ फैला है। नायब तहसीलदार महसी विपुल कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर लाल निशान से नीचे पहुंच गया है फसल नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। स्थिति सामान्य हो चुकी है।

जिले की नदियों का जलस्तर

नदी-बैराज-लाल निशान-जलस्तर

घाघरा-गिरजापुरी-136.80-135.15

घाघरा- एल्गिन ब्रिज-106.07-106.036

सरयू-गोपिया-133.50-130.90

शारदा-शारदा-135.49-135.30

(जलस्तर मीटर में है) बाढ़ पीड़ित परिवारों को बांटी गई राशन किट : तहसील प्रशासन ने बाढ़ पीड़ित परिवारों को राशन किट का वितरण किया। एसडीएम एसएन त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ पीड़ित महसी टेपरा व आसपास के 500 लोगों को राशन किट का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। प्रधान प्रतिनिधि उमाशंकर मिश्र, लेखपाल सुरेश चंद्र मौर्य समेत अन्य मौजूद रहे। बदहाल शौचालय, बाढ़ पीड़ितों की बढ़ीं मुश्किलें : बेमौसम घाघरा की भीषण बाढ़ ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अधिकांश लोगों के घरों में अब भी बाढ़ का पानी अथवा कीचड़ भरा हैं। कुछ कटान पीड़ित तटबंध पर झुग्गी-झोपड़ियों में गुजर-बसर कर रहे हैं। बाढ़ में शौचालय चोक हो गए हैं। महसी तहसील के घरेहरा नकदिलपुर ग्राम पंचायत के मथुरापुरवा स्थित तटबंध पर करीब आठ वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने सार्वजनिक शौचालय बनवाया था। उद्देश्य था कि बाढ़ के दौरान प्रभावितों को शौच के लिए भटकना न पड़े। शौच जाने के दौरान बाढ़ में डूबने एवं सर्पदंश जैसी घटनाओं पर अंकुश लगे। बावजूद इसके, शौचालय की बदहाली के कारण बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। गांव के विनय लोधी, गुरबचन, बुधई सिंह, मुन्नालाल, हन्नू एवं परशुराम ने बताया कि शौचालय बदहाल है। दरवाजे उखड़ गए हैं। सीट टूटी एवं फर्श टूट गई हैं। शौचालय झाड़-झंखाड़ की चपेट में हैं। बगल में लगा नल खराब है। प्रभावितों को शौच के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। समदृष्टि सेवा संस्थान के जिलाध्यक्ष शंकरदयाल मिश्र ने एडीओ पंचायत फखरपुर को सूचना देकर शौचालय मरम्मत की मांग की है। कहा कि यदि शीघ्र शौचालय मरम्मत नहीं हुआ तो संस्था धरना प्रदर्शन को बाध्य होगी।

कोट

बीडीओ फखरपुर को शीघ्र शौचालय मरम्मत के निर्देश दिए जाएंगे। बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं से कोई समझौता नहीं होगा।

- एसएन त्रिपाठी, एसडीएम महसी


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