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लौट जाओ घाघरा मइया, हम चुनरी चढ़इबै

घाघरा में समाई 20 बीघे कृषि योग्य जमीन चित्र परिचय - 07 बीआरएच 26 व 27 में फोटो है। संसू महसी/गजाधरपुर(बहराइच) घाघरा नदी की कटान से परेशान कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली व भिरगूपुरवा के ग्रामीणों ने सोमवार को घाघरा मइया को मनाने के लिए पेट के बल चलकर पूजन किया। कटान रोकने की मनोकामना की। हालाकि जलस्तर घटने के बाद कटान में तेजी आई है। 20 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 10:24 PM (IST)
लौट जाओ घाघरा मइया, हम चुनरी चढ़इबै
लौट जाओ घाघरा मइया, हम चुनरी चढ़इबै

संसू, महसी/गजाधरपुर(बहराइच): घाघरा नदी की कटान से परेशान कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली व भिरगूपुरवा के ग्रामीणों ने सोमवार को घाघरा मइया को मनाने के लिए पेट के बल चलकर पूजन किया। कटान रोकने की मनोकामना की। हालाकि जलस्तर घटने के बाद कटान में तेजी आई है। 20 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई।

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महसी के घूरदेवी स्पर पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 2.25 मीटर नीचे बह रही है। पिपरी के मिश्रीलाल, बिहारीलाल, बल्ला, राजा का किला व तिकुरी के कृष्णा, हरेराम, गेंदाराम के आशियानें मुहाने पर हैं। अंबरीश, बब्लू, बृजकुमार, बाबादीन, रामदीन, अमृतलाल समेत अन्य ग्रामीणों की आठ बीघे कृषि योग्य जमीन लहरों की भेंट चढ़ गई। सोमवार को घूरदेवी स्पर पर घाघरा नदी का जलस्तर 109.900 मीटर रिकार्ड किया गया। उधर कैसरगंज तहसील के मझारा तौकली के भिरगूपुरवा, ग्यारह सौ रेती में कटान से तकरीबन 12 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई। बलराजपुरवा के मोतीलाल, इंदल कुमार, गंगाराम, कृष्ण मुरारी, अशोक निषाद, संजय, अनिल, अखिलेश समेत अन्य ग्रामीण गांव से घाघरा तट तक पेट के बल होकर पहुंचे और घाघरा मइया से कटान रोकने की प्रार्थना की।


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