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खतरे के निशान को छूने को बेताब दिख रही घाघरा

50 गांवों पर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा 15 बीघे जमीन नदी की धारा में समाई

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 11:33 PM (IST)
खतरे के निशान को छूने को बेताब दिख रही घाघरा
खतरे के निशान को छूने को बेताब दिख रही घाघरा

बहराइच : पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते घाघरा का जलस्तर पिछले दो दिनों से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही 50 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। घाघरा खतरे के निशान को छूने को बेताब दिख रही है। फखरपुर ब्लॉक के भिरगूपुरवा गांव में घाघरा की लहरें खेतों को निगल रही हैं। तकरीबन 15 बीघे जमीन नदी की धारा में समाहित हो चुकी है। किसान अपनी डबडबाई आंखों से खेतों को कटते हुए देख रहे हैं। प्रशासन की ओर से कटान रोकने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। इससे किसानों में रोष भी दिख रहा है।

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शनिवार को घूरदेवी स्थित घाघरा नदी का जलस्तर 110.520 मीटर रिकार्ड किया गया। शुक्रवार को यहां पर नदी 110.410 मीटर पर बह रही थी। पिछले 24 घंटे में 11 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। जलस्तर बढ़ने के बाद निचले स्तर पर बसे माझादरिया, पचदेवरी, चुरईपुरवा, मैकूपुरवा, गलकारा, नकाही, तिकुरी, पिपरा, पिपरी, कायमपुर, जुगुलपुरवा, तारापुरवा, गोड़ियनपुरवा समेत 50 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। किसानगंज के कोढ़वा गांव निवासी गोविद प्रसाद, जगदंबिका प्रसाद व विजय कुमार के आशियानें व रामचंद्र, गयाप्रसाद व ननकऊ की गन्ने की फसल कटान के मुहाने पर है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो बाढ़ की संभावना बढ़ जाएगी। तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि बाढ़ व कटान की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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