गेरुआ में छोड़े गए 24 घड़ियाल के बच्चे
संसू बिछिया (बहराइच) लखनऊ के कुकरैल पुर्नवास केंद्र में जन्मे घड़ियाल के 24 बच्चों को प्राकृतिक वास के लिए शुक्रवार को कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के गेरूआ नदी में छोड़ा गया। इन बच्चों को नदी से पर्याप्त भोजन मिलेगा। नदी की सफाई व्यवस्था भी बेहतर हो सकेगी।
बहराइच : लखनऊ के कुकरैल पुर्नवास केंद्र में जन्मे घड़ियाल के 24 बच्चों को प्राकृतिक वास के लिए शुक्रवार को कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग की गेरुआ नदी में छोड़ा गया। इन्हें पर्याप्त भोजन तो मिलेगा ही नदी से सफाई व्यवस्था भी बेहतर होगी।
कुकरैल पुर्नवास केंद्र के वन्य जीव रक्षक ब्रजमोहन ने बताया कि दो साल के घड़ियाल के बच्चों को प्राकृतिक वास के लिए गेरुआ में छोड़ा गया है। इन पर टैग लगाया गया है, जिसके जरिए अगले दो वर्ष तक इन पर नजर रखी जाएगी। घड़ियालों का झुंड पिकअप की सहायता से लाया गया था। कतर्नियाघाट के रेंजर पीयुष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि जब यह बच्चे डेढ़ से दो मीटर के हो जाते हैं तो इन्हें नदियों में छोड़ा जाता है। इस मौके पर वन दारोगा मयंक पांडेय, अनिल मौजूद रहे।
जंगली हाथियों का झुंड देखकर गदगद हुए पर्यटक : कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों से गुलजार है। गेरुआ नदी के किनारे नेपाली हाथियों को देखकर कतर्निया घूमने आए पर्यटक रोमांचित हो गए। पिछले कई दिनों से कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में नेपाली हाथियों के झुंड आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शुक्रवार को बोट से गेरुआ नदी में जंगल के दृश्य देख रहे विदेशी सैलानियों का दल नदी के किनारे नेपाली तस्कर हाथियों का झुंड दिखाई पड़ने से पर्यटक गदगद हो गए। हाथियों को देखकर सैलानियों ने बोट रोकवाकर गजराज की तस्वीरें अपने कैमरों में कैद की। हाथियों के अलावा कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में हिरनों के झुंड, घड़ियाल, तेंदुआ, बाघ, मगरमच्छ आदि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।