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चहारदीवारी न द्वार, रामलीला मैदान पर लगे कूड़े के ढेर

कैसरगंज (बहराइच) : कैसरगंज का ऐतिहासिक रामलीला मैदान उपेक्षा का शिकार है।यहां चहुं

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 11:22 PM (IST)
चहारदीवारी न द्वार, रामलीला मैदान पर लगे कूड़े के ढेर
चहारदीवारी न द्वार, रामलीला मैदान पर लगे कूड़े के ढेर

कैसरगंज (बहराइच) : कैसरगंज का ऐतिहासिक रामलीला मैदान उपेक्षा का शिकार है।यहां चहुंओर गंदगी फैली हुई है, जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।यहां न तो चहारदीवारी का निर्माण कराया गया है और न ही सुलभ शौचालय की व्यवस्था है। जिसके चलते हर वर्ष रामलीला का मंचन देखने के लिए आने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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कस्बे में करीब 80 वर्षों से रामलीला महोत्सव का आयोजन होता है। यहां रामलीला देखने के लिए दूरदराज के गांव के बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मैदान की अव्यवस्थाओं का दंश दर्शकों को भुगतना पड़ता है। गंदगी का आलम यह है कि यहां हर ओर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। मैदान की सुरक्षा के लिए यहां न तो चारदीवारी का निर्माण कराया गया है और न ही द्वार बना है। रामलीला समिति के अध्यक्ष बुद्धि सागर गुप्ता ने बताया कि यहां हर वर्ष 10 दिन तक रामलीला महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है। रामलीला का मंचन अयोध्या, दरभंगा, लखीमपुर, व सीतापुर से आए हुए कलाकार करते हैं। विजयादशमी के दिन भगवान श्री राम द्वारा रावण के पुतले का दहन किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह मैदान अभी भी जिला पंचायत के अधीन है। रामलीला मैदान के नाम आवंटित नहीं हो सका है। पत्राचार किया जा रहा है जैसे ही जमीन रामलीला मैदान के नाम आवंटित हो जाएगी इसका सुंदरीकरण के लिए प्रयास किया जाएगा।


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