बढ़ रहा घाघरा का जलस्तर, धारा में समाई 30 बीघा जमीन
तटवर्ती गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा जिम्मेदार नहीं उठा रहे कोई कदम चित्र परिचय - 5 बीआरएच 35 में फोटो है। संसू महसी/गजाधरपुर(बहराइच) पहाड़ों व तराई में हो रही बारिश के चलते घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खौफ मंडराने लगा है। साथ ही कटान भी तेज हो गई है। 30 बीघा
बहराइच : पहाड़ों व तराई में हो रही बारिश के चलते घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खौफ मंडराने लगा है। साथ ही कटान भी तेज हो गई है। 30 बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई है। किसान फसलों से हरे-भरे खेतों को नदी में डबडबाती आंखों के सामने देखने को विवश हो रहे हैं, क्योंकि इसके सिवाय उनके पास कोई चारा ही नहीं है।
महसी तहसील क्षेत्र के घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी का जलस्तर 110.950 मीटर रिकार्ड किया गया। पिछले 24 घंटे में 27 सेमी की जलस्तर में वृद्धि हुई है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। माझा दरिया, पचदेवरी, चुरईपुरवा, मैकूपुरवा, गलकारा, नकाही, तिकुरी, कायमपुर, जुगुलपुरवा समेत 30 गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली के भिरगूपुरवा, ग्यारह सौ रेती में कटान तेज है। ज्ञानचंद्र का घर व अशोक निषाद, राजा, बड़कऊ, पवन समेत अन्य किसानों की 30 बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई। हर दिन कई बीघे जमीन कटान की भेंट चढ़ रही है। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। एसडीएम रामजीत मौर्य ने बताया कि बाढ़ व कटान की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाएगा।
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