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एक लाख किसानों पर गहराया खाद व बीज का संकट

विजय द्विवेदी, बहराइच : गेहूं की बोआई का सीजन पीक पर है। किसानों को खेतों की बोआई के

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:04 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:04 AM (IST)
एक लाख किसानों पर गहराया खाद व बीज का संकट
एक लाख किसानों पर गहराया खाद व बीज का संकट

विजय द्विवेदी, बहराइच : गेहूं की बोआई का सीजन पीक पर है। किसानों को खेतों की बोआई के लिए खाद व बीज की जरूरत है। साधन सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल ने किसानों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। हड़ताल के चलते समितियों में ताले लटक रहे हैं। खाद-बीज उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। उर्वरक के लिए किसान भाग-दौड़ रहे है।

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जिले के 125 साधन सहकारी समितियों में 111 समितियां सक्रिय हैं। इन समितियों में तकरीबन एक लाख से अधिक किसान सदस्य हैं। किसानों को खाद-बीज अल्पकालीन ऋण समर्थन मूल्य योजना के तहत धान की खरीद आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्थापित सहकारी समितियां जिला सहकारी बैंक व उसकी शाखाओं से पोषित हैं। इन समितियों से किसान नकद व ऋण के माध्यम से खाद व बीज लेकर खेती-किसानी करते हैं, ¨कतु हड़ताल के चलते समितियों में ताले लटक रहे हैं। खाद-बीज न मिलने से गेहूं की बोआई आदर्श मौसम में किसान नहीं कर पा रहे हैं, जिसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। इनसेट

171034 हेक्टेअर गेहूं बोआई का लक्ष्य रबी में कुल 251276 हेक्टेअर क्षेत्रफल में खाद्यान्न व तिलहनी फसलों की बोआई का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 801766 मीट्रिक टन खाद्यान्न व तिलहन उत्पादन होना है। प्रमुख फसल गेहूं का आच्छादन लक्ष्य 171034 हेक्टेअर है। उत्पादन लक्ष्य 641251 मीट्रिक टन तथा उत्पादकता का लक्ष्य 37.49 क्विंटल प्रति हेक्टेअर रखा गया है। दूसरी प्रमुख फसल मसूर का आच्छादन लक्ष्य 62408 हेक्टेअर है। उत्पादन लक्ष्य 142058 मीट्रिक टन तथा उत्पादकता लक्ष्य 22.76 क्विंटल हेक्टेअर रखा गया है। कृषि के आधारभूत आंकड़े

जिले का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल - 486062 हेक्टेअर है। इसमें शुद्ध कृषि क्षेत्रफल 319865 हेक्टेअर है। शुद्ध ¨सचित क्षेत्रफल 205330 हेक्टेअर है। सकल ¨सचित क्षेत्रफल 217533 हेक्टेअर है। कुल कृषि क्षेत्रफल का 64.19 प्रतिशत है। सहकारी समिति कर्मचारियों के हड़ताल के चलते खाद वितरण की जिम्मेदारी एग्री जक्शन व एनसीडीएफ को सौंप दी गई है। दो हजार मीट्रिक डीएपी व 4500 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। किसानों को इन स्थानों से खाद मुहैया कराई जा रही है। नवीन चंद्र शुक्ला, एआर कोऑपरेटिव


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