कन्याओं ने उतारी घाघरा मइया की आरती
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संसू, महसी/गजाधरपुर(बहराइच) : घाघरा नदी ग्रामीणों के घरों व लहलहाती फसलों को निगल रही है। गांव-गिरांव व घरों को बचाने के लिए कैसरगंज तहसील के ग्यारह सौ रेती में कन्याओं ने घाघरा नदी के किनारे जाकर आरती की और कहा घाघरा मइया अब हम लोगों की मड़इया न छीनौ, हम तुहैं पियरी चढ़इबै। महसी व कैसरगंज तहसील के चार घर व 30 बीघे लहलहाती फसल नदी की धारा में समा गई।
शुक्रवार को महसी तहसील के घूरदेवी स्पर पर घाघरा नदी का जलस्तर 110.450 मीटर रिकार्ड किया गया। पिपरी के रामू, जैतूना, दौलतराम व सतीश के आशियाने नदी की धारा में समा गए। राजा के किले का आधा हिस्सा भी लहरों की भेंट चढ़ गया। शिवकुमार, बल्ला, बिहारीलाल, बृजलाल, इंदर के आशियाने मुहाने पर हैं। कटान के चलते ग्रामीण अपनी गृहस्थी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं। टिकुरी के कृष्णा, हरेराम, गेंदाराम के आशियाने कटान के मुहाने पर हैं। सरयू, शारदा व घाघरा बैराज से 61 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि कटान पीड़ितों को अहेतुक सहायता दी जा रही है। उधर कैसरगंज तहसील के मझारा तौकली के ग्यारह सौ रेती, भिरगूपुरवा, अनुसूचित बस्ती में कटान तेज है। कटान रोकने के लिए कन्याओं ने घाघरा तट पर पहुंचकर आरती उतारी। लालजी, रामेश्वर, भगौती, मोतीलाल, हीरालाल, श्यामनरायन व जयश्रीराम की तकरीबन 25 बीघे लहलहाती फसल नदी की धारा में समा गई।