पहाड़ों पर बारिश से घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर
उच्च/प्राथमिक विद्यालय बेहटा भयातजवापुर में अभिभावक सम्मेलन व बाल मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आंनद कुमार पाठक ने की तथा संचालन प्रद्युम्न कुमार पाण्डेय व विजय कुमार उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया।* *कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री एस0के0 तिवारी जी ने बाल मेले का शुभारंभ फीता काट कर किया। उसके पश्चात मुख्य अतिथि बच्चों द्वारा लगाए गए सभी स्टाल का अवलोकन किया गया साथ ही बच्चों से उनके स्टाल के बारे में सवाल पूंछे। बच्चों द्वारा सही जवाब पाकर उनकी प्रशंसा की।*
संसू, महसी/गजाधरपुर(बहराइच) : नहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। कटान भी तेज हो गई है। महसी तहसील के पिपरी, लालापुरवा व कोढ़वा गांव कटान के मुहाने पर हैं। 70 बीघे लहलहाती फसल नदी की धारा में समा गई। घूरदेवी स्पर पर घाघरा नदी खतरे के निशान से एक मीटर 85 सेमी नीचे बह रही है।
यहां नदी का जलस्तर 110.300 मीटर रिकार्ड किया गया। लालापुरवा के मंशाराम, ननकऊ, हरेराम, गेंदराम, जानकी प्रसाद के आशियाना कटान के मुहाने पर हैं। पिपरी के बृजेश, महफूज, जाफर, मकबूल के आशियाने व राजा का किला भी कटान की जद में आ रहा है। बृजकुमार, बब्लू, बाबादीन, रामदीन, बच्चालाल, अमृतलाल समेत अन्य ग्रामीणों की 10 बीघे जमीन नदी में समा गई। किसानों के सामने आजीविका का संकट भी मंडरा रहा है। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि सरयू, शारदा व घाघरा बैराज से 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि कटान पीड़ितों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली के भिरगूपुरवा व ग्यारह सौ रेती में राजकुमार, रामजीत, बांके, महेश, भगौती निषाद, लक्ष्मण की धान व गन्ने की तकरीबन 65 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई। कटान के भय से लोग मकान खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।