कोढ़वा व पिपरी के बाद तिकुरी गांव पर मंडराया खतरा
एक घर व 30 बीघे जमीन घाघरा में समाई बैराजों से छोड़ा गया 54 हजार क्यूसेक पानी चित्र परिचय - 27 बीआरएच 15 व 16 में फोटो है। संसू महसी/गजाधरपुर(बहराइच) घाघरा नदी का जलस्तर घटने के बाद कटान तेज हो गई है। महसी तहसील के पिपरी व कोढ़वा के बाद तिकुरी गांव पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है। एक घर व 30 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई। 15 आशियाने कटान के मुहाने पर हैं। घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी खतरे के निशान से दो मीटर 16 सेमी नीचे बह रही है।
संसू, महसी/गजाधरपुर(बहराइच) : घाघरा नदी का जलस्तर घटने के बाद कटान तेज हो गई है। महसी तहसील के पिपरी व कोढ़वा के बाद तिकुरी गांव पर भी कटान का खतरा मंडरा रहा है। एक घर व 30 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई। 15 आशियाने कटान के मुहाने पर हैं। घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी खतरे के निशान से दो मीटर 16 सेमी नीचे बह रही है।
घूरदेवी स्थित स्पर पर नदी का जलस्तर 109.990 मीटर रिकार्ड किया गया। तिकुरी के लालापुरवा के छैलू का आशियाना नदी की धारा में समा गया। सूबेदार, नसरत व हरीराम के आशियाने कटान के मुहाने पर हैं। इसके अलावा तिकुरी के बृजेश, महफूज, जाफर, मकबूल, रामू व मोती के घरों के साथ ही राजा का किला भी कटान की जद में आ गया है। तकरीबन 10 बीघे धान व गन्ने की लहलहाती फसल भी नदी की धारा में समा गई। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि सरयू, शारदा व घाघरा बैराज से 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उधर कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली के भिरगूपुरवा, ग्यारह सौ रेती में कटान तेज है। 20 बीघे धान व गन्ने की फसल नदी की धारा में समा गई।