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20 बीघे खेत घाघरा में समाए

20 बीघ जमीन धारा में समाई चित्र परिचय - 6 बीआरएच 32 में फोटो है। संसू महसी/गजाधरपुर(बहराइच) तीन दिनों से बढ़ रहा घाघरा नदी का जलस्तर मंगलवार को घटने लगा। जलस्तर घटने के बाद बाढ़ का खतरा कम हुआ है वहीं कटान का खतरा बढ़ गया है। 20 बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 11:34 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 06:20 AM (IST)
20 बीघे खेत घाघरा में समाए
20 बीघे खेत घाघरा में समाए

संसू, महसी/गजाधरपुर(बहराइच) : तीन दिनों से बढ़ रहा घाघरा नदी का जलस्तर मंगलवार को घटने लगा। जलस्तर घटने के बाद बाढ़ का खतरा कम हुआ है वहीं कटान का खतरा बढ़ गया है। 20 बीघे जमीन नदी की धारा में समा गई।

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महसी तहसील के घूरदेवी स्थित स्पर पर घाघरा नदी का जलस्तर 110.870 मीटर रिकार्ड किया गया। सोमवार को यहां नदी का जलस्तर 110.970 मीटर था। 24 घंटे में 10 सेंटीमीटर की कमी आई है। जलस्तर घटने के बाद कटान का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों की खेती योग्य जमीन नदी की धारा में समा रही है। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के मझारा तौकली ग्यारह सौ रेती, भिरगूपुरवा के राजाराम, ज्ञानचंद्र, बृजेश, रामविलास, प्रकाश, वीरेंद्र, जगदीश, रामकुमार, भगवती, रमाशंकर, हरिहर, बेचन, श्यामनरायन समेत अन्य किसानों की तकरीबन 20 बीघा जमीन नदी की धारा में समा गई। ग्राम प्रधान पवन कुमार निषाद ने बताया कि कटान के मुहाने पर आए घरों के लोग गृहस्थी का सामान उजाड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। कटान पीड़ितों का आरोप है कि हर दिन खेती योग्य जमीन नदी की धारा में समा रही है। इसके बाद भी कोई पुरसाहाल नहीं हैं।


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