घर-घर दीप जला राममंदिर की स्मृतियों को सहेजेगी सुहेलदेव की धरा
राममंदिर शिलान्यास महोत्सव की तैयारी हिमालय की तलहटी के मंदिरों में पांच अगस्त को गूंजेगी सुंदर कांड व हनुमान चालीसा की धुन
बहराइच : आगामी पांच अगस्त को एक बार फिर वह अवसर आएगा, जब राममंदिर से जुड़ी सुखद स्मृतियां हिमालय की तलहटी में जीवंत हो उठेंगी। सैय्यद सालार मसऊद गाजी को करारी शिकस्त देकर मध्यकालीन इतिहास में अमर हुए राजा सुहेलदेव की धरती बहराइच घर-घर दीप जलाकर राममंदिर निर्माण शुरू होने का जश्न मनाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। इस बाबत घर-घर संदेश पहुंचाने के लिए दो अगस्त से आरएसएस के कार्यकर्ता व दुर्गावाहिनी की सदस्यों संग टोली बनाकर राखी बांधने का तीन दिवसीय अभियान छेड़ेंगे।
नेपाल सीमा पर आबाद जिले की बड़ी आबादी ने राममंदिर आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मार्गदर्शन में मुखर होकर भागीदारी की थी। उस समय आंदोलन के अहम किरदार रहे पूर्व विधायक जटाशंकर सिंह, कन्हैयालाल रूपानी, राधेश्याम त्रिपाठी, दिलीप गुप्त, राकेश श्रीवास्तव आदि भले बुजुर्ग हो गए हों गए पर मंदिर निर्माण के ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने की तमन्ना हिलोरें ले रही है। राधेश्याम त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना के चलते भले ही वे उस दिन अयोध्या नहीं जा सकेंगे पर यहां दीपोत्सव मनाने में कोई कसर नहीं रखी जाएगी।
सरस्वती विद्यामंदिर माधवपुरी में बैठक कर अयोध्या में राममंदिर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले शिलान्यास के अवसर को दीपावली के रूप में मनाने का फैसला किया जा चुका है। इस बैठक में प्रांत संगठन मंत्री राजेश, प्रांत धर्म प्रसार प्रमुख श्यामता, प्रांत सह समरसता प्रमुख राजकुमार सोनी, डॉ.राकेश कुमार दुबे, जिला कार्याध्यक्ष तरुण सिंह शामिल थे। तय कार्यक्रम के मुताबिक पांच अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे से एक घंटे तक मंदिरों में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ होगा। सायंकाल हिदू धर्मावलंबी घरों में दीप जलाएंगे। इससे पूर्व दो से चार अगस्त तक कोरोना योद्धाओं को राखी बांधने के बहाने दीपोत्सव का संदेश घर-घर पहुंचाया जाएगा।