मां के गर्भ में पल रहे शिशु भी हो रहे डायबिटिक
बहराइच: तराई में मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के रक्त के माध्यम से शिशु मधुमेह की
बहराइच: तराई में मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के रक्त के माध्यम से शिशु मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। इससे शिशु अग्नाशय प्रभावित होने से मोटापा बढ़ता है। प्रसवकाल के दौरान जच्चा-बच्चा के लिए खतरे की संभावना अधिक रहती है। विशेषज्ञों की मानें तो तराई में सर्वाधिक महिलाएं मधुमेह से पीड़ित मिल रही हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक तराई में मधुमेह तेजी से बढ़ रहा है। 10 रोगियों में औसतन तीन से चार लोग मधुमेह से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से पीड़ित हैं। यह रोग सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि युवा व गर्भ में पल रहे शिशु भी चपेट में आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी पुष्टि की है। जिसके बाद गर्भवती महिलाओं की गर्भकाल से लेकर प्रसवकाल तक मधुमेह की जांच अनिवार्य किया गया है। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. एहतशाम अली बताते हैं कि जिन लोगों के परिवार में मधुमेह होता है, उनमें इस रोग से उनके आने वाले बच्चों के भी ग्रसित होने की प्रबल संभावना रहती है, क्योंकि गर्भ में पीड़ित मां के रक्त के जरिए शिशु के शरीर में शर्करा का आदान-प्रदान हो जाता है। इससे खुशहाल ¨जदगी में मीठा जहर घुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। वे बताते हैं कि इससे निजात मिल पाना आसान नहीं हैं, लेकिन जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे बचा जा सकता है। इसका रखें ध्यान
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. पारितोष तिवारी बताते हैं कि ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है। शरीर में वसा की स्थिति भी इसे प्रभावित करती है। पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन प्रभावित होती है। जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल व रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए। मधुमेह के लक्षण
थकान महसूस होना
बार-बार पेशाब लगना
आंखों का कमजोर होना
शरीर के घाव जल्दी न भरना
पैरों के तलवों में जलन व सुई चुभना उपाय से मिलेगी निजात
मधुमेह से निजात पाने के लिए धुम्रपान व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। तनाव मुक्त व पर्याप्त नींद लें। नियमित योग व व्यायाम करें। चना व गेहूं मिश्रित आटे की रोटी का सेवन करें। भोजन रेशा युक्त व कम करें। मधुमेह की जांच कराते रहें।