गांवों से खिसका बाढ़ का पानी, समस्याएं बरकरार
- प्रभावित गांवों में उजड़ गईं सड़कें संक्रामक रोग फैलने का बढ़ा खतरा
संसू, बौंडी(बहराइच) : घाघरा के तटवर्ती गांवों से बाढ़ का पानी खिसकने लगा है। पानी खिसकने के बावजूद प्रभावितों की समस्याएं कम नहीं हुई हैं। सड़कें उजड़ गई हैं। संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। गृहस्थी समेट कर तटबंध पर पहुंचे लोगों के सामने गांव में दोबारा पहुंचना अभी भी मुश्किल है। वजह कभी भी बाढ़ की चपेट में दोबारा गांव आ सकते हैं।
महसी तहसील क्षेत्र के पिपरा, कायमपुर, गाोलागंज, जोगापुरवा, नगेसरपुरवा, सिलौटा, तारापुरवा, रानीबाग, चुन्नीलालपुरवा, भौंरी, सिपहिया हुलास, छतरपुरवा, चुरईपुरवा समेत करीब 50 गांव बाढ़ की चपेट में आए थे। बारिश थमने के बाद घाघरा का जलस्तर घटने के साथ ही बाढ़ का पानी भी गांवों से खिसक गया है। समस्याएं बरकरार हैं। जगह-जगह सड़कें उजड़ गई हैं। पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई हैं। घूर-गड्ढे से सड़ांध उठ रही है, जिससे लोगों के बीमारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई। अभी तक इन प्रभावित गांवों में संक्रामक बीमारी से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया है। अधिकारी भी सिर्फ कागजों पर ही मदद मुहैया करा रहे हैं। --------------- फसलें हो गई तबाह - घाघरा के तटवर्ती 50 गांव के लोगों के सामने सिर छिपाने के लिए मकान ही नहीं, बल्कि पेट भरने के लिए भोजन का भी बंदोबस्त नहीं है। इनके खेतों में लगी फसल बाढ़ के पानी के साथ बर्बाद हो गई है। यहां तक कि पशुओं के लिए चारे का बंदोबस्त तक नहीं हो पाया है।