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India-Nepal Border: भारत-नेपाल बार्डर की सुरक्षा में सेंध, जंगल में टेंट लगाकर प्रवास कर रहे नेपाली

India-Nepal Border बड़े पैमाने पर हो रही घुसपैठ भोर होते ही उत्तराखंड और दिल्ली की पकड़ते हैं बस। एसएसबी पुलिस के साथ ही खूफिया विभाग भी अनजान लापरवाही पड़ सकती है भारी। यह लापरवाही कभी भी देश की सुरक्षा के लिए भारी पड़ सकती है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 08:24 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:10 AM (IST)
India-Nepal Border: भारत-नेपाल बार्डर की सुरक्षा में सेंध, जंगल में टेंट लगाकर प्रवास कर रहे नेपाली
India-Nepal Border: बड़े पैमाने पर हो रही घुसपैठ, भोर होते ही उत्तराखंड और दिल्ली की पकड़ते हैं बस।

बहराइच, जेएनएन। India-Nepal Bordor: भारत-नेपाल बार्डर की सुरक्षा में नेपाली सेंध लगाने में कामयाब हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर नेपाली घुसपैठ कर भारतीय सीमा के जंगल में टेंट लगाकर रात्रि प्रवास कर रहे हैं। इसकी भनक सीमा की सुरक्षा में लगी एसएसबी और खुफिया एजेंसियों को नहीं लग पा रही है। संबंधित थानों की पुलिस भी इन्हें रोकने की कोशिशें नहीं कर रही है। भोर होते ही बड़ी संख्या में नेपाली उत्तराखंड, दिल्ली समेत दूसरे प्रांतों के लिए बसों से रवाना होते देखे जा रहे हैं। यह लापरवाही कभी भी देश की सुरक्षा के लिए भारी पड़ सकती है।

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चीन व पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच नेपाल से भारत के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। कोरोना काल से ही नेपाल-बार्डर सील भी है। दोनों देशों के लोगों के आवागमन पर पाबंदी लगी हुई है। बावजूद नेपाल के बर्दिया से बड़े पैमाने पर नेपाली मुर्तिहा कोतवाली, मोतीपुर क्षेत्र में सीमा के अंदर पहुंच रहे हैं। लोगों की नजरों से बचने के लिए कतर्निया जंगल में रात्रि प्रवास भी करते हैं। 

वन विभाग सीमावर्ती नेपाल के गांवों के लोगों की मदद जंगल सफाई में लेता है। इसी की आड़ में गांव के दूसरे लोग भी प्रवेश कर आते हैं। इतनी संख्या में रात्रि में नेपालियों के सीमा पार पहुंचने पर एसएसबी व सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता पर सवाल खड़ा कर रहा है। इनका सहारा लेकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। वन विभाग के अधिकारी जंगल में नेपालियों के प्रवास की बात पर बोलने से इनकार कर रहे हैं।

इन क्षेत्रों में करते हैं रात्रि प्रवास

सीमा पर घुसपैठ कर नेपाली भारतीय सीमा के जंगलवर्ती गांवों में भी ठिकाना लेते हैं। इनमें फकीरपुरी, बिछिया, रमपुरवा समेत छह गांव शामिल हैं। इन गांवों के लोग पुलिस को भी सूचना देते हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई तो दूर जायजा लेना भी मुनासिब नहीं समझ रही।

बोले जिम्मेदार

गिरिजापुरी पुलिस चौकी इंचार्ज कौसर अली ने कहा कि सीमा पर घुसपैठ रोकने का कार्य एसएसबी व खुफिया एजेंसियों का है। अकेले पुलिस कुछ नहीं कर सकती है।


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