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घने कोहरे का तराई में कहर, गलन से धूप रही बेअसर

मौसम विज्ञानी डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी थम नहीं रही है। पछुआ हवाएं चलने से तराई के मैदानी क्षेत्र में सुबह व शाम गलन बढ़ रही है। इसके चलते धूप निकलने पर भी ठंड से राहत नहीं मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:03 PM (IST)
घने कोहरे का तराई में कहर, गलन से धूप रही बेअसर
घने कोहरे का तराई में कहर, गलन से धूप रही बेअसर

बहराइच : तराई में चल रही बर्फीली हवाएं लोगों को सता रही हैं। सुबह व शाम घना कोहरा छाने से सड़क पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक रहा है तो हवाएं चलने से गलन बढ़ गई है। दोपहर में कुछ घंटे के लिए निकली धूप भी बेअसर साबित हो रही है।

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मौसम विज्ञानी डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी थम नहीं रही है। पछुआ हवाएं चलने से तराई के मैदानी क्षेत्र में सुबह व शाम गलन बढ़ रही है। इसके चलते धूप निकलने पर भी ठंड से राहत नहीं मिल रही है। दिन का तापमान 18 डिग्री व रात का पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। सुबह कोहरा होने से दृश्यता 10 मीटर रही।

उन्होंने बताया कि मौसम के बेरुख होने से फसलों में झुलसा रोग व पाले की आशंका बढ़ गई है। किसान दवाओं के छिड़काव के साथ फसलों की सिचाई करते रहें, ताकि उत्पादन पर इसका असर न पड़े।

गर्म कपड़ों का बाजार चटख : पिछले चार दिनों से तराई में पड़ रही कड़ाके की ठंड से गर्म कपड़े का बाजार भी चढ़ गया है। जैकेट, स्वेटर, शाल व अन्य गर्म कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है। खासकर बच्चों के लिए कपड़ा खरीदने के लिए ग्राहकों की बढ़ रही भीड़ से कारोबारी गदगद हैं। भगवानदास लखमानी बताते हैं कि ठंड बढ़ने से कारोबार में इजाफा हो रहा है।

गेहूं की फसल के लिए मौसम फायदेमंद : जिला कृषि विकास अधिकारी सतीश पांडेय ने बताया कि फिलहाल फिर से ठंड बढ़ना गेहूं की फसल के लिए बहुत फायदेमंद है। उन्होंने बताया कि धूप निकलने से भी गेहूं के लिए फायदा होगा। जितनी लंबी सर्दी होगी, गेहूं की पैदावार में उतनी ही बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र में हुई बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।

अचानक बढ़ी ठंड में बरते एहतियात : बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.केके वर्मा ने बताया कि अचानक मौसम में हुए बदलाव के साथ बढ़ी ठंड में एहतियात बरतने की आवश्यकता है। इस मौसम में वायरल, जुकाम, खांसी होने की आशंका रहती है। दोबारा से सर्दी बढ़ने से अस्थमा की बीमारी से पीड़ित लोगों को दिक्कत आ सकती है। एलर्जी की बीमारी भी बढ़ जाती है। मौसम के अनुसार ही गर्म कपड़े पहनें। ठंड लगने की स्थिति में तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। खानपान में विशेष सावधानी बरतें और ठंडे पदार्थों के सेवन से बचें।


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