कांचहि बांस की बहंगिया बहंगी लचकत जाए..से गूंजे घाट
बहराइच : विविधता में एकता के रंग से सराबोर हमारे त्योहार न केवल आपसी भाईचारे का संदेश्
बहराइच : विविधता में एकता के रंग से सराबोर हमारे त्योहार न केवल आपसी भाईचारे का संदेश देते हैं, बल्कि ईश्वर के प्रति हमारी श्रद्धा का बखान भी करते हैं। मंगलवार छठ पर्व पर अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना के लिए नदियों, झीलों व पोखरों के घाटों पर उमड़ा जनसैलाब हमारी आस्था और विश्वास को और समृद्धि कर रहा था। समृद्धि के देव भगवान सूर्य की उपासना के लिए शाम से ही सिर पर टोकरी में विविध प्रकार की पूजन सामग्री के साथ पति के अंदर जहां पूजा की उत्सुकता नजर आ रही थी, वहीं निर्जला व्रती महिलाएं छठ मइया को समर्पित गीतों का गुलदस्ता पेश कर माहौल को छठ के रंग में रंगने का कार्य कर रही थी।
शहर के छोटी बेरिया स्थित घाट, मरीमाता मंदिर स्थित घाट, ¨झगहाघाट, मिहीपुरवा के गोपिया बैराज, गायघाट, चित्तौरा ब्लॉक के शाहनेवाजपुर स्थित बरधनघाट, रुपईडीहा हनुमान सरोवर तट, फखरपुर के ग्यारह सौ रेती, जरवलरोड के घाघराघाट समेत अन्य स्थानों पर बनाए गए घाटों पर पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने सुख-समृद्धि के साथ संतान सुख की कामना की। ¨सघाड़ा, नारियल फलों के साथ ही हल्दी, मूली व गन्ना समेत पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में लेकर भगवान सूर्य को चढ़ाया। विधि-विधान से पूजन कर छठी मइया के गीत गाए। देवी मइया सुन लो अरजिया हमार.. और कांचहि बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..। जैसे छठ गीतों से माहौल छठ मइया की भक्ति से सराबोर हो रहा था। पूजन के लिए शहर से लेकर गांव तक सुबह से ही महिलाएं उत्साहित रहीं।
पूजन सामग्री की कीमतें
बहराइच : छठ पूजन की सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ रही। अनानास 30 से 40 रुपये प्रति पीस, ¨सघाड़ा 30 रुपये प्रति किलो, बांस की टोकरी व सूप 40 से 80 रुपये, मूली तीन रुपये गड्डी, गन्ना पांच से 10 रुपये पीस, अदरक जड़ समेत 10 से 20 रुपये प्रति पीस, हल्दी जड़ सहित 10 से 15 रुपये, सेब 80 रुपये किलो, नारियल 35 से 50 रुपये पीस, मुसम्मी 40 से 50 रुपये तक बिके। इसके अलावा अन्य सामग्रियां भी पूजन में प्रयुक्त हुई।