टीबी रोगियों की खोज को घर-घर दस्तक देंगी टीमें
कल से शुरू होगा अभियान 160 टीमें करेंगी रोगियों की खोज
संसू, बहराइच : एक बार फिर टीबी मरीजों की खोज के लिए दो नवंबर से अभियान शुरू होगा। वर्ष 2025 तक तपेदिक रोग के उन्मूलन को लेकर 160 टीमें तैनात की गई हैं, जो घर-घर दस्तक देकर मरीजों की खोज करेंगी। मरीजों को निश्शुल्क जांच, इलाज के साथ उन्हें दवाएं मुहैया कराई जाएंगी।
टीबी उन्मूलन के लिए सातवें चरण की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया गया है। उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पवन कुमार वर्मा ने बताया कि 3900 मरीज पंजीकृत है। एमडीआर के 122 मरीज व 1060 निजी अस्पतालों से इलाज करा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि टीबी और कोविड-19 के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली सीबी नॉट मशीन कोरोना की भी जांच कर सकती है। ऐसे लक्षण वालों की कोविड के साथ टीबी की भी जांच कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये हर माह दी जा रही है। वर्ष 2018 से अब तक निक्षय पोषण योजना 2.20 करोड़ रोगियों को दी जा चुकी है, जिनका खाता नहीं खुला है उनका खाता इंडियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक के जरिए घर जाकर खोला जा रहा है। ------------
टीबी के लक्षण
-दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी
-खासतौर पर शाम को बढ़ने वाला बुखार होना
-खांसी के दौरान बलगम के साथ खून आना
-सीने में लगातार दर्द रहना
-भूख न लगना, ?वजन घटना