बोर्ड की तर्ज पर होंगी अंग्रेजी माध्यम परिषदीय परीक्षाएं
त हो रहे हैं। इनमें लगभग सवा चार लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। यह जिला प्रदेश के आठ अति पिछड़े जिलों में शुमार है। शिक्षा के निचले पायदान पर खड़े जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए परिषदीय स्कूलों में नवाचार का प्रयास हो रहा है तो कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को संवारने की कवायद चल रही है। पिछले साल 239 प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से शुरू किया गया है। इस बार 16 नए उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा मिला है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के लिए योग्य व कर्मठ शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा के माध्यम से की गई है। अब इन विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा हाईस्कूल बोर्ड की तर्ज पर कराने का फैसला किया गया है। इन स्कूलों का प्रश्न-पत्र का मॉडल डायट प्राचार्य तैयार करेंगे। बीएसए समेत पांच सदस्यीय टीम इसकी निगरानी करेगी। पेपर जांच के साथ ही सीलिग व स्कूलों तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी गोपनीय रहेगी।
संसू, बहराइच : जिले में कांवेंट की तर्ज पर संचालित हो रहे अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों की परीक्षाएं बोर्ड की तर्ज पर कराई जाएंगी। प्रश्न-पत्रों का मॉडल डायट में तैयार होगा। प्रिटिग व सीलिग तक की जिम्मेदारी जिला स्तरीय समिति की देखरेख में होगी। प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता रखकर बच्चों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन कर शिक्षकों की योग्यता को भी परखने के लिए यह फैसला बेसिक शिक्षा परिषद ने लिया है। परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने के साथ ही परीक्षा की तैयारियां भी शुरू हो गई है। जिले में 3553 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग सवा चार लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। यह जिला प्रदेश के आठ अति पिछड़े जिलों में शुमार है। शिक्षा के निचले पायदान पर खड़े जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए परिषदीय स्कूलों में नवाचार का प्रयास हो रहा है तो कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को संवारने की कवायद चल रही है। पिछले साल 239 प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से शुरू किया गया है। इस बार 16 नए उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा मिला है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के लिए योग्य व कर्मठ शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा के माध्यम से की गई है। अब इन विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा हाईस्कूल बोर्ड की तर्ज पर कराने का फैसला किया गया है। इन स्कूलों का प्रश्न-पत्र का मॉडल डायट प्राचार्य तैयार करेंगे। बीएसए समेत पांच सदस्यीय टीम इसकी निगरानी करेगी। पेपर जांच के साथ ही सीलिग व स्कूलों तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी गोपनीय रहेगी। विद्यालय में बनेगा लर्निंग लैब उन्होंने बताया कि सभी 225 आदर्श विद्यालयों का चयन कर उनमें लर्निंग लैब बनाया जाएगा। लर्निंग लैब में शिक्षक क्रियात्मक शोध के माध्यम से अपने शिक्षण-शास्त्र में बाल अनुकूल विधाओं का समावेश करेंगे, जिससे पठन-पाठन में निखार लाया जा सके। बच्चों में क्रिटिकल थिकिग, अपने व्यवहार पर सोच पैदा की जाएगी।