डेढ़ वर्षो से विवादों से घिरी रहीं बहराइच सांसद
बहराइच : गुरुवार को बहराइच की सांसद सावित्री बाई फूले ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ
बहराइच : गुरुवार को बहराइच की सांसद सावित्री बाई फूले ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा में रहते हुए उन्होंने अपनी ही सरकार को अनुसूचित जाति आरक्षण व संविधान का विरोधी करार दे रही थीं। सीएम योगी पर भी वे लगातार हमलावर रहीं। इसको देखते हुए पार्टी उनसे किनारा किया। बैठकों में भी सांसद को दूर रखा जा रहा था। आखिरकार हाशिए पर रही सांसद पार्टी को छोड़कर जातीय गोलबंदी में जुट गई हैं।
सांसद सावित्री बाई फूले अपने तीखे तेवरों के लिए मशहूर रहीं हैं। बसपा से जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद भाजपा में पहुंची सावित्री बलहा विधानसभा से विधायक बनीं। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में वह सांसद चुन ली गईं। सांसद फूले उस समय से सुर्खियों में आईं जब बहराइच-बाराबंकी हाइवे की गुणवत्ता को लेकर धरने पर बैठीं। लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रोजेक्ट मैनेजर भागवत मिश्र ने उन पर अवैध धन मांगने का आरोप भी लगाया था। दो दिन पहले राममंदिर व ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया था। सांसद फूले नमो बुद्धाय सेवा समिति के बैनर तले कई रैली भी कर चुकी हैं। डेढ़ वर्षों से आरएसएस, भाजपा संगठन, सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को कोस रहीं सांसद फूले संगठन में बनी रहीं। नानपारा में उनके घर के गेट पर लगी कांशीराम की प्रतिमा भी उनकी आस्था परिलक्षित कर रही है।