सेवानिवृत के पहले ट्रांसफर-पोस्टिग का खेल कर गए पूर्व सीएमओ
सात महिला समेत 12 चिकित्सा कर्मियों का बैकडोर से तबादला
प्रदीप तिवारी, बहराइच : जिले से सेवानिवृत्त हुए पूर्व सीएमओ जाते-जाते ट्रांसफर व पोस्टिग का खेल कर गए। सेवानिवृत्त होने से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने कई कर्मचारियों का ट्रांसफर किया। अब 20 दिन बाद ट्रांसफर का आदेश संबंधित सीएचसी अधीक्षक के पास पहुंचा। अचानक तबादले की खबर से कर्मचारियों के होश उड़ गए। महिला कर्मचारियों ने नवागंतुक सीएमओ के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई। हालांकि सीएमओ ने अग्रिम आदेश तक स्थानांतरण के आदेश पर रोक लगा दी है।
जिले में सीएमओ के पद पर तैनात रहे डॉ. सुरेश सिंह 30 सितंबर को रिटायर हो गए। उसी दिन उन्होंने सात महिला कर्मचारियों समेत 12 चिकित्सा कर्मियों का स्थानांतरण कर दिया। यह सूची किसने तैयार किया, क्यों किया? इसकी जानकारी संबंधित पटल प्रभारी को नहीं लगी। 18 अक्टूबर को सभी सीएचसी अधीक्षकों को महिला कर्मियों के ट्रांसफर होने की सूची मेल पर पहुंची। उन्हें तत्काल रिलीव करने को भी कहा गया। अधीक्षक ने अपने स्तर से सभी को रिपोर्ट भेजकर 24 घंटे में अपने-अपने कार्यस्थल पर जाने का आदेश जारी कर दिया।
सीएचसी विशेश्वरगंज में तैनात संविदा स्टाफ नर्स बिदू त्रिपाठी का चर्दा कर दिया गया, जबकि चर्दा में तैनात रेनू यादव, रंजना गुप्ता को कैसरगंज भेजा गया। फखरपुर सीएचसी में तैनात साधना सिंह को जिला अस्पताल से संबद्ध किया गया। इसी तरह चित्तौरा में तैनात मंजू पांडेय के मैटरनिटी विग भेजा गया। पूर्व सीएमओ की ओर से किए गए ट्रांसफर व पोस्टिग का आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है। कर्मचारी आदेश की प्रति लेकर सीएमओ कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, जबकि सेवानिवृत होने की दशा में उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ का 15 दिन पहले ट्रांसफर व पोस्टिग नहीं कर सकते हैं।
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15 से 30 के बदलाव पर लगाई रोक
-सीएमओ डॉ. राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि 15 से 30 सितंबर के बीच किए गए सभी आदेश रद कर दिए गए हैं। पटल प्रभारी के बिना जानकारी के स्थानांतरण को लेकर जांच टीम बनाई गई है। बैकडोर से आदेश जारी कराने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी।