बासमती की खुशबू से महक रहीं बरेली व लुधियाना की मंडियां
बासमती चावल बरेली व लुधियाना की मंडियों में सजता है। किसान बताते हैं कि फसल तैयार होते ही वहां के व्यापारी आते हैं। खरीदारी कर धान ले जाते हैं। किसानों का कहना है कि बासमती धान के उत्पादन से उन्हें अन्य फसलों की अपेक्षा अच्छा मुनाफा हो जाता है। आठ से दस हजार रुपये तक प्रति बीघे आय हो जाती है। इनसेट यहां की माटी बासमती धान के उत्पादन के लिए अनुकूल है। यहां पर फसल का उत्पादन भी बेहतर होता है। साधारण किस्म के धान से 25 से 30 फीसद अधिक
संजय सिंह, महसी(बहराइच) : जिले की तराई में शुमार महसी बासमती धान के उत्पादन का हब बन रहा है। क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बासमती धान की फसल उगाई जा रही है। भीनी-भीनी खुशबू से लहलहाती फसल किसानों के चेहरे पर खुशी लाने के साथ आर्थिक संबल प्रदान कर रही है। यहां का चावल बरेली व लुधियाना की मंडियों में खुशबू बिखेरेगा।
महसी के किसानों में बासमती धान की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है। आमतौर पर बेहतर व खुशबूदार स्वादिष्ट चावल के रूप में प्रसिद्ध बासमती धान मासाडीहा, चांदपारा, महसी, महराजगंज, पंडितपुरवा समेत आसपास के गांवों के खेतों में लहलहा रही है। इन दिनों फसल में लदी धान की बालियों के गुच्छे खुशबू बिखेर रहे हैं। खेत के किनारे से गुजरते ही उसकी खुशबू लोगों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लेती है। इन किसानों ने लगाई है बासमती की फसल
चांदपारा के नरायन, मनीराम, ननकू ने पांच-पांच बीघे, हुकुम ने चार, मुंशीलाल ने 10, रामगोपाल ने 15, सुग्रीव ने तीन व राम उग्गर ने 10 बीघे क्षेत्रफल में बासमती धान की फसल लगा रखी है। किसानों का कहना है इससे मुनाफा भी अन्य फसलों की अपेक्षा ठीक होता है। यहां लगती है चावल की मंडी
बासमती चावल बरेली व लुधियाना की मंडियों में सजता है। किसान बताते हैं कि फसल तैयार होते ही वहां के व्यापारी आते हैं। खरीदारी कर धान ले जाते हैं। किसानों का कहना है कि बासमती धान के उत्पादन से उन्हें अन्य फसलों की अपेक्षा अच्छा मुनाफा हो जाता है। आठ से दस हजार रुपये तक प्रति बीघे आय हो जाती है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक वीपी सिंह बताते हैं कि यहां की माटी बासमती धान के उत्पादन के लिए अनुकूल है। यहां पर फसल का उत्पादन भी बेहतर होता है। साधारण किस्म के धान से 25 से 30 फीसद अधिक मुनाफा होता है। आधुनिक तकनीक से खेती कर उपज बढ़ाई जा सकती है। बरेली, हरियाणा, पंजाब में पैरा ब्वॉयलिग प्लांट स्थापित हैं। यहीं पर धान से चावल निकाला जाता है।