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दूसरे दिन भी बैंकों में रही हड़ताल, उपभोक्ता रहे बेहाल

बैंकों में हड़ताल होने से डीडी व आरटीजीएस से खातों में रकम भेजने वाले बड़े कारोबारी परेशान हुए। हर दिन लाखों रुपये का लेनदेन करने वाले करोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 06:06 AM (IST)
दूसरे दिन भी बैंकों में रही हड़ताल, उपभोक्ता रहे बेहाल
दूसरे दिन भी बैंकों में रही हड़ताल, उपभोक्ता रहे बेहाल

संसू, बहराइच : पुरानी पेंशन बहाली समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन शनिवार को भी बैंकों में हड़ताल रही। तालाबंदी कर अधिकारी व कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर आवाज बुलंद करते रहे। बैंक बंद होने से धन निकासी के लिए लोग एटीएम की ओर रुख किए, लेकिन एटीएम भी धन से खाली मिले। दो दिनों की हड़ताल से बैंकों को लगभग डेढ़ अरब रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है।

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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर जिले के सभी बैंकों में दो दिनों से हड़ताल रही। इलाहाबाद बैंक डिगिहा कार्यालय पर बैंक अधिकारी व कर्मचारी एकत्र हुए। मांगे पूरी करो के नारे लगाए। रायपुर राजा स्थित मंडलीय कार्यालय पर भी दिन भर बैंक कर्मी धरना-प्रदर्शन करते रहे। अभिषेक मौर्य व आशीष गुप्ता ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली व बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार का रवैया बैंक कर्मियों के हित में नहीं है। जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि पूंजीपतियों को ऋण दिलाने के लिए सरकार बैंकों पर दबाव डालती है। वही ऋण बाद में एनपीए हो जाता है। जिसका सीधा असर बैंकों की आर्थिक स्थिति पर पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार को बैंक व कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर मांगें पूरी करनी होगी। लोकेश श्रीवास्तव ने कहा कि दो दिनों की हड़ताल के बाद बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। बैंकों में हड़ताल का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ा है। सुबह से ग्राहक बैंकों व एटीएम की खाक छान रहे हैं, लेकिन बैंकों में ताला लटकता रहा तो एटीएम धन से खाली रहा। दो दिनों के हड़ताल से डेढ़ अरब रुपये का नुकसान हुआ है। अफरोज आलम लारी ने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है, जिसके कारण अधिकारियों व कर्मचारियों में आक्रोश है। जायज मांगों के लिए हम लोग संघर्ष करते रहेंगे। 12 घंटे में ही खाली हो गए एटीएम बैंक ग्राहकों को धन निकासी में सहूलियत देने के लिए लगाए गए 200 एटीएम में 28 घंटे भी ग्राहकों के उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। बैंक बंद होने से 12 घंटे में ही एटीएम रुपये से खाली हो गए। रात से ही लोग धन निकासी को लेकर एटीएम का चक्कर काटते रहे, लेकिन निराश होकर ग्राहक लौट गए। बनी डीडी न हुआ आरटीजीएस बैंकों में हड़ताल होने से डीडी व आरटीजीएस से खातों में रकम भेजने वाले बड़े कारोबारी परेशान हुए। हर दिन लाखों रुपये का लेनदेन करने वाले कारोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


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